
हेल्थ डेस्क: बुढ़ापे के साथ लिंग में कमी आना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, लेकिन यह “बेजान” नहीं होना चाहिए। जीवनशैली में सुधार, मानसिक संतुलन और उचित देखभाल से लिंग की कार्यक्षमता को बनाए रखा जा सकता है।इस प्रकार, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी है, ताकि बुढ़ापे में भी व्यक्ति सक्रिय और स्वस्थ रह सके।
लिंग की कार्यक्षमता में कमी के कारण:
1 .हार्मोनल असंतुलन: जैसे-जैसे व्यक्ति का उम्र बढ़ता है, शरीर में टेस्टोस्टेरोन और अन्य यौन हार्मोन की मात्रा घटने लगती है, जिससे लिंग की कार्यक्षमता पर असर पड़ता है। पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर 40 वर्ष की आयु के आसपास कम होना शुरू हो जाता है।
2 .स्वस्थ जीवनशैली का अभाव: संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद का अभाव लिंग के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। यह शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है। इसलिए सभी पुरुषों को इसका ध्यान रहना चाहिए।
3 .मानसिक तनाव और चिंता: मानसिक दबाव, चिंता और अवसाद का असर भी लिंग स्वास्थ्य पर पड़ता है। जब व्यक्ति मानसिक रूप से तनावग्रस्त होता है, तो लिंग की कार्यक्षमता में कमी आ सकती है। इससे लिंग में सिकुड़न और ढ़ीलापन भी हो सकता हैं।
4 .स्मोकिंग और शराब का सेवन: धूम्रपान और शराब का अत्यधिक सेवन लिंग की रक्त आपूर्ति और नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है, जिससे सेक्सुअल डिसफंक्शन हो सकता है।
5 .स्वास्थ्य समस्याएँ: डायबिटीज़, उच्च रक्तचाप, और हृदय रोग जैसी स्थितियाँ लिंग की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकती हैं। विटामिन डी, विटामिन बी12 की कमी भी लिंग को कमजोर बना सकता हैं।