UPSC Exam पास किए बिना भी बन सकते हैं IAS, जानें लेटरल एंट्री से आईएएस बनने का पूरा प्रोसेस

UPSC Exam पास किए बिना भी बन सकते हैं IAS, जानें लेटरल एंट्री से आईएएस बनने का पूरा प्रोसेस

UPSC की परीक्षा

स्कूल में पढ़ाई के दौरान ही कई स्टूडेंट्स का ये सपना होता है कि वो IAS ऑफिसर बनें. आईएएस बनना इतना आसान नहीं होता, इसके लिए कड़ी मेहनत से गुजरना पड़ता है, जिसके लिए UPSC की सिविल सेवा परीक्षा पास करनी होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि UPSC का एग्जाम पास किए बिना भी आप आईएएस अधिकारी बन सकते हैं, हां यह संभव है, बिना UPSC का एग्जाम पास किए बिना लेटरल एंट्री से IAS बना जा सकता है.

आइए जानते हैं कि UPSC के एग्जाम से आईएएस ऑफिसर बनने का प्रोसेस क्या है और लेटरल एंट्री से IAS बनने का क्या प्रोसेस है…

हर साल लाखों उम्मीदवार UPSC की सिविल सेवा परीक्षा (CSE) के लिए आवेदन करते हैं. लगभग 10 से 13 लाख लोग आवेदन करते हैं, लेकिन केवल 4 से 6 लाख ही परीक्षा में बैठ पाते हैं. इनमें से करीब 1 हजार ही पास होते हैं और केवल लगभग टॉप 50 उम्मीदवार ही आईएएस बन पाते हैं. UPSC की परीक्षा तीन चरणों में होती है, प्रिलिम्स परीक्षा, मेन्स परीक्षा और इंटरव्यू. हालांकि, सभी अधिकारी परीक्षा पास करके ही आईएएस नहीं बनते. कुछ योग्य उम्मीदवार लेटरल एंट्री के माध्यम से सीधे विभिन्न सरकारी विभागों में आईएएस लेवल के पदों पर नियुक्त हो सकते हैं.

लेटरल एंट्री क्या है?

लेटरल एंट्री UPSC द्वारा एक विशेष भर्ती प्रक्रिया है, जिसमें निजी क्षेत्र, पीएसयू और शैक्षणिक संस्थानों से विशेषज्ञों को सीधे मध्य और वरिष्ठ प्रशासनिक पदों पर नियुक्त किया जाता है. इस प्रक्रिया के तहत उम्मीदवार वरिष्ठ पदों जैसे संयुक्त सचिव, निदेशक या उप सचिव पर नियुक्त किए जाते हैं. ये अधिकारी वित्त, कृषि, स्वास्थ्य, ऊर्जा या डिजिटल अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों में सालों का अनुभव लेकर आते हैं.

लेटरल एंट्री नियुक्तियां सामान्य रूप से 3 से 5 साल के संविदात्मक आधार पर होती हैं. इसका उद्देश्य सरकार में विशेषज्ञता लाना, प्रशासनिक दक्षता (administrative efficiency) बढ़ाना है. हालांकि, यह सिविल सेवा परीक्षा पास किए बिना सीधे आईएएस पद पर नियुक्ति नहीं देता. लेटरल एंट्री अधिकारी आईएएस-समकक्ष अधिकारियों के रूप में मंत्रालयों में महत्वपूर्ण निर्णय लेने वाली भूमिकाओं में काम करते हैं.

क्या है चयन की प्रक्रिया?

लेटरल एंट्री अधिकारी का चयन प्रोफेशनल अनुभव, उपलब्धियों और इंटरव्यू के आधार पर होता है. इसमें कोई लिखित परीक्षा नहीं होती. उम्मीदवार की विशेषज्ञता उनके काम का अनुभव और व्यावसायिक उपलब्धियां महत्वपूर्ण होती हैं. चयन प्रक्रिया में शॉर्टलिस्टिंग और यूपीएससी इंटरव्यू शामिल हैं. लेटरल एंट्री पदों पर पारंपरिक आरक्षण नीतियां लागू नहीं होती.

योग्यता क्या होनी चाहिए?

  • संबंधित क्षेत्र में ग्रेजुएशन या मास्टर डिग्री.
  • निजी क्षेत्र, पीएसयू या अन्य संगठनों में 10 से 15 साल का अनुभव.
  • आयु सीमा 40 से 55 वर्ष (विज्ञापन के अनुसार)
  • उच्च पदों के लिए न्यूनतम एनुअल इनकम जैसे जॉइंट सेक्रेटरी लेवल पर 35 लाख रुपये.

लेटरल एंट्री के माध्यम से उपलब्ध पद

संयुक्त सचिव: यह वरिष्ठ पद होता है जहां पर सामान्य रूप से 17-20 साल के अनुभव वाले आईएएस अधिकारी काम करते हैं.

निदेशक: मध्य-वरिष्ठ स्तर की भूमिका, नीति निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान.

उप सचिव: प्रशासनिक और नीति समन्वय में सहायक.

ये नियुक्तियां उम्मीदवार की विशेषज्ञता के आधार पर संविदात्मक रूप से 3-5 साल की होती हैं. इस प्रक्रिया से सरकार को विशेषज्ञता के साथ प्रशासनिक सुधार लाने का अवसर मिलता है.

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