यूपी में छुट्टी, योगी सरकार ने रविदास जयंती पर भी किया सार्वजनिक अवकाश का ऐलान “ >.

यूपी में छुट्टी, योगी सरकार ने रविदास जयंती पर भी किया सार्वजनिक अवकाश का ऐलान “ >.

रविदास जयंती पर बुधवार को यूपी में सार्वजनिक अवकाश घोषित हो गया है। योगी सरकार ने बुधवार को इस बाबत शासनादेश जारी कर दिया। इसके अनुसार पहले रविदास जयंती पर निर्बंधित अवकाश घोषित था।

अब इसे सार्वजनिक अवकाश में बदल दिया गया है। नए आदेश के बाद अ्ब सभी सरकारी कार्यालय और बैंक बंद रहेंगे। योगी सरकार ने पिछले साल 17 दिसंबर को ही जारी अवकाश की सूची में रविदास जयंती की छुट्टी दी थी। हालांकि उस समय इसे निर्बंधित छुट्टियों की सूची में डाला गया था। इसके अनुसार हर कर्मचारी को सभी निर्बंधित छुट्टियों में से किन्हीं दो को लेने की छूट होती है। अब सार्वजनिक अवकाश घोषित होने से होली-दिवाली की तरह छुट्टी हो गई है।

सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव जितेंद्र कुमार ने बताया कि 17 दिसंबर 2024 को साल 2025 के अवकाशों की सूची जारी की गई थी, जिसमें संत रविदास जयंती को निर्बंधित अवकाश की श्रेणी में रखा गया था। उस आदेश में संशोधन करके अब संत रविदास जयंती को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। इस दिन सभी सरकारी कार्यालय व बैंक बंद रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने संत रविदास की जयंती पर प्रदेशवासियों को दी बधाई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संत शिरोमणि सतगुरु रविदास महाराज की जयन्ती के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। अपने शुभकामना सन्देश में मंगलवार को मुख्यमंत्री ने कहा कि संत शिरोमणि सतगुरु रविदास के विचारों का विस्तार असीम है। हमारा सौभाग्य है कि सतगुरु रविदास की जन्मस्थली सीर गोवर्धन उत्तर प्रदेश स्थित प्राचीनतम पौराणिक और सांस्कृतिक नगरी काशी में है।

सतगुरु रविदास ने सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए लोगों को जागरूक किया। वे समता और सदाचार को अत्यन्त महत्व देते थे। उन्होंने अपने कथन ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’ के माध्यम से आंतरिक पवित्रता और निर्मलता पर बल दिया। सतगुरु रविदास ने अपनी रचनाओं में लोक-वाणी का अद्भुत प्रयोग किया, जिसका जनमानस पर अमिट प्रभाव पड़ा। उनकी रचनाएं हमारे साहित्य की अनमोल धरोहर हैं।

गौरतलब है कि संत रविदास का जन्म माघी पूर्णिमा के अवसर पर यूपी के ही वाराणसी में हुआ था। हर साल यहां पर बहुत बड़ा उत्सव भी मनााया जाता है। संत रविदास को संत शिरोमणि संत गुरु की उपाधि दी गई है। इन्होंने रविदासीया पंथ की स्थापना की और इनके रचे गए कुछ भजन सिख लोगों के पवित्र ग्रंथ गुरुग्रंथ साहिब में भी शामिल हैं। इन्होंने जात पात का घोर विरोध किया और आत्मज्ञान का मार्ग दिखाया। कहा जाता है कि रविदास ने साधु-सन्तों की संगति से ज्ञान प्राप्त किया था। कई लोगों का मानना है कि संत रविदास जी का कोई गुरु नहीं था।

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