World Teachers Day 2025: 5 अक्टूबर को क्यों मनाया जाता है ‘विश्व शिक्षक दिवस’? जानें इतिहास

World Teachers Day 2025: 5 अक्टूबर को क्यों मनाया जाता है 'विश्व शिक्षक दिवस'? जानें इतिहास

5 अक्टूबर को हर साल ‘विश्व शिक्षक दिवस’ मनाया जाता है.
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हर साल 5 अक्टूबर को ‘विश्व शिक्षक दिवस’ मनाया जाता है. शिक्षकों के सम्मान और उनके काम को बेहतर ढंग से करने के लिए आवश्यक सहयोग और परिस्थितियों पर विचार करने के लिए मनाया जाता है. इस अवसर पर हर साल सौ से ज्यादा देशों में शिक्षकों के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. आइए जानते हैं कि इसकी शुरुआत कब की गई है और इसका इतिहास क्या है.

टीचिंग केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भावी पीढ़ियों के व्यक्तिगत और बौद्धिक विकास को प्रभावित करने की जिम्मेदारी भी निभाता है. वहीं भारत में हर साल 5 सितंबर को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया जाता है और इस पर शिक्षा के क्षेत्र उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को राष्ट्रपति की ओर से पुरस्कर देकर सम्मानित भी किया जाता है.

World Teachers Day 2025: कब हुई विश्व शिक्षक दिवस मानने की शुरुआत?

आधिकारिक तौर पर 1994 से विश्व शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत की गई. यूनेस्को ने आधिकारिक तौर पर 1994 में पहला विश्व शिक्षक दिवस घोषित किया था और तब से हर साल 5 अक्टूबर को विश्व शिक्षक दिवस मनाया जाता है. इसकी सिफारिश अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की ओर से 1966 में की गई थी, जिसमें शिक्षकों के अधिकार, जिम्मेदारियां, प्रशिक्षण और काम की परिस्थितियों से जुड़े मानक तय किए गए थे. 1997 में उच्च शिक्षा से जुड़े शिक्षकों को भी इसमें शामिल किया गया.

World Teachers Day: कौन करता है विश्व शिक्षक दिवस का आयोजन?

यूनेस्को, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन, यूनिसेफ और एजुकेशन इंटरनेशनल के साथ मिलकर विश्व शिक्षक दिवस का आयोजन करता है. ये संगठन मिलकर इस समारोह और नीतिगत संवाद में श्रम-अधिकारों, बाल-अधिकारों और ट्रेड-यूनियन के दृष्टिकोण को शामिल करते हैं. 1994 से यह दिवस स्कूल-स्तरीय स्मरणोत्सव गतिविधियों से बढ़कर वैश्विक आयोजनों में बदल गया है, जिनमें मंत्रिस्तरीय पैनल, क्षेत्रीय सम्मेलन और राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रभावित करने वाले विषयगत अभियान शामिल हैं.

World Teachers Day 2025 theme: क्या है थीम?

‘विश्व शिक्षक दिवस 2025’ की थीम शिक्षण को एक सहयोगात्मक पेशे के रूप में पुनर्परिभाषित करना है. आज भी बहुत से शिक्षक अकेलेपन और सीमित संसाधनों के बीच काम करते हैं. यूनेस्को के अनुसार, इस विषय का तर्क है कि सहयोग केवल एक अच्छाई नहीं है, बल्कि बेहतर शिक्षण परिणामों, बेहतर शिक्षक कल्याण और मजबूत प्रतिधारण के लिए एक माध्यम है.

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