
जिंदगी है तो सबकुछ है। हमारी तरक्की, हमारा नाम और शोहरत तभी मायने रखती है जब हमारी हेल्थ ठीक है। अच्छी हेल्थ ही हमारी तरक्की में योगदान देती है। हमारी जिंदगी एक अजीब ट्रैक पर चल रही है जहां हम अपने आप को काम में जोखे हुए हैं और अपनी सेहत को नजरअंदाज कर रहे हैं, जिसका नतीजा उम्र बढ़ने पर अचानक दिखने लगता है।
खराब डाइट और बिगड़ते लाइफस्टाइल ने कम उम्र में ही हमें उम्रदराज लोगों वाली बीमारियों की गिरफ्त में धकेल दिया है। हेल्थ से जुड़े आंकड़ों की बात करें तो पुरुषों की तुलना में महिलाओं की सेहत का ग्राफ दिनों दिन नीचे गिरता जा रहा है। महिलाएं अपनी सेहत को पूरी तरह नजरअंदाज करती हैं जिसका नतीजा ब्रेस्ट कैंसर और बच्चेदानी के कैंसर के बढ़ते मामलों के रूप में साफ दिख रहा है। हमारे देश में महिलाओं में अपनी सेहत को लेकर अवेयरनेस खत्म होती जा रही है। महिलाएं घर परिवार में इतना ज्यादा मसरूफ हैं जिसका असर उनकी सेहत पर साफ दिखता है।
आप जानते हैं कि हर महिला को पीरियड शुरू होते ही कुछ खास टेस्ट साल में एक बार जरूर कराना चाहिए। खासकर 20-30 की उम्र की महिलाओं को इन टेस्ट को जरूर कराना चाहिए। डॉक्टर जगत एमडी के मुताबिक कुछ टेस्ट ऐसे हैं जिन्हें महिलाओं को साल में एक बार जरूरी कराना चाहिए। कुछ बीमारियां ऐसी हैं जिनके कोई लक्षण नहीं दिखते इसलिए अगर उन बीमारियों का साल में एक बार टेस्ट करा लिया जाए तो बड़ी समस्या से बचा जा सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिक जरूरी नहीं है कि जब आप बीमार पड़े तभी डॉक्टर के पास जाएं आप तंदुरुस्त रहते हुए कुछ टेस्ट कराएं और अपने भविष्य को सेक्योर बनाएं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि 20-30 साल की उम्र में हमें कौन-कौन से टेस्ट कराना चाहिए।
ब्रेस्ट टेस्ट जरूर कराएं (Breast Examination)
भारत में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। इस बीमारी से बचाव करने के लिए खुद को सचेत रहना जरूरी है। महिलाएं 20-30 साल की उम्र में ब्रेस्ट की जांच कराएं। ब्रेस्ट की क्लीनिकल जांच और सेल्फ जांच दोनों जरूरी है। आप अपने ब्रेस्ट में किसी तरह की गांठ, दर्द या रिसाव महसूस करती हैं तो उसे छुपाएं नहीं बल्कि तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षणों की जांच के लिए नियमित चिकित्सा जांच और स्क्रीनिंग से गुजरना पड़ता है। स्तन कैंसर के लिए दो प्रकार के आवश्यक स्क्रीनिंग टेस्ट हैं
- क्लिनिकल ब्रेस्ट एग्जामिनेशन
- ब्रेस्ट का सेल्फ एग्जामिनेशन
पैप स्मीयर टेस्ट या सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग (Pap Smear)
भारतीय महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के बढ़ते मामले आगाह करते हैं कि महिलाओं को इस बीमारी से सचेत रहना जरूरी है। इस बीमारी का समय रहते पता चल जाए तो बड़ी मुश्किल से बचा जा सकता है। सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए पैप स्मीयर टेस्ट किया जाता है, जिसमें सर्विक्स (गर्भाशय ग्रीवा) गर्भाशय के निचले हिस्से और संकीर्ण सिरे से कोशिकाओं का संग्रह किया जाता है। सर्वाइकल कैंसर के साथ-साथ ह्यूमन पेपिलोमावायरस (HPV) के शुरुआती लक्षणों का पता लगाने के लिए 21 से 65 साल की उम्र के बाद हर 3 साल में पैप स्मीयर टेस्ट जरूर कराना चाहिए।
थायराइड फंक्शनिंग टेस्ट (Thyroid Functioning Test)
महिलाएं थायराइड की चपेट में जल्दी आ जाती है। कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंसी कंसीव करने से पहले ही थायरॉयड रोग हो जाता है। ऐसी स्थिति से मां या उनके बच्चे को नुकसान हो सकता है। इस बीमारी को रोकने के लिए थायराइड कार्यप्रणाली की नियमित निगरानी की आवश्यकता होती है। थायराइड की वजह से महिलाओं को थकान, ड्राई स्किन,वजन बढ़ना और अनियमित पीरियड हो सकते हैं। महिलाएं 20-30 साल की उम्र में थायराइड का टेस्ट जरूर कराएं।
विटामिन डी टेस्ट (Vitamin Deficiency Test)
हाल ही में कई रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि महिलाओं में विटामिन डी और विटामिन बी12 का स्तर गिरता जा रहा है जिससे न सिर्फ उनकी हड्डियों पर असर पड़ रहा है बल्कि उनकी ओवर ऑल हेल्थ भी प्रभावित हो रही है। महिलाओं को साल में एक बार विटामिन डी और बी 12 का टेस्ट जरूर कराना चाहिए ताकि बाद में गंभीर परिणामों से बचा जा सके।
ब्लड प्रेशर और शुगर का टेस्ट
उम्र बढ़ने पर महिलाओं को चाहिए कि वो ब्लड प्रेशर और शुगर का टेस्ट जरूर कराएं। खराब डाइट और बिगड़ते लाइफस्टाइल की वजह से ये दोनों बीमारियों कम उम्र में ही लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। जरूरी है कि आप साल में एक बार इन दोनों टेस्ट को जरूर कराएं।