महिलाओं को इन 3 दिन भूलकर भी नहीं धोने चाहिए बाल, मान्यताएं के अनुसार, बेहद अशुभ हो सकता है ऐसा करना “ ˌ

महिलाओं को इन 3 दिन भूलकर भी नहीं धोने चाहिए बाल, मान्यताएं के अनुसार, बेहद अशुभ हो सकता है ऐसा करना “ ˌ

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि हिन्दू धर्म में सदियों से कई परंपराएं और मान्यताएं चली आ रही हैं, जिसका आज भी बहुत से लोग पालन करते आ रहे हैं. ये मान्यताएं तो धर्म से जुड़ी तो होती ही है, इसके साथ ही इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी होते हैं. आपने कई बार अपने घर के बड़ों-बुजुर्गों को आपको किसी विशेष वार पर बाल धोने पर टोकते-रोकते हुए सुना होगा. इसके पीछे भी धार्मिक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं. ऐसा माना जाता है कि मंगलवार, गुरु और शनिवार के दिन बाल नहीं धोने चाहिए.

मंगलवार
दरअसल, ऐसा माना जाता है कि मंगलवार और गुरुवार को बाल धोने से घर में सुख-समृद्धि कम हो जाती है और घर में धन-संपत्ति की कमी हो जाती है. मान्यता यह भी है कि मंगलवार (मंगलवार पूजा) के दिन सुहागन और अविवाहित महिलाओं द्वारा बाल धोने से निगेटिव एनर्जी का संचार बढ़ता है. साथ ही कुंवारी लड़कियों को मंगलवार के दिन बाल धोने से इसका अशुभ प्रभाव उनके भाई पर पड़ता है. इसलिए इन तीन वार को बाल धोने की गलती करने से बचना चाहिए.

शनिवार
वहीं, ऐसा माना जाता है कि शनिवार को बाल धोना दुर्भाग्य लाता है. मान्यता है कि इस दिन बाल धोने से घर में त्रासदी और बुरी किस्मत आती है. बता दें कि शनिवार को बाल धोने के बारे में मिश्रित हिन्दू मिथक हैं. हिंदू धर्म में, कुछ लोग मानते हैं कि शनिवार को अपने बाल धोना अच्छा होता है क्योंकि यह साढ़े साती के प्रभाव को कम करने में मदद करता है. इसके अलावा, यह भी मान्यता है कि शनिवार को बाल धोने से शनिदेव नाराज हो सकते हैं. 

गुरुवार
भारत के कई हिस्सों में, महिलाएं इस प्रथा का बहुत सख्ती से पालन करती हैं, उनका मानना ​​है कि गुरुवार को बाल धोने से आपके घर से भगवान बृहस्पति और देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद चला जाता है और इस तरह आप गरीब हो सकते हैं. वास्तव में, सदियों से ऐसी कहानियां प्रचलित हैं जहां एक महिला गुरुवार को अपने बाल धोती थी और वह धीरे-धीरे अपनी सारी संपत्ति खो देती थी. यहां तक कि गुरुवार को कपड़े धोना भी अशुभ माना जाता है.

लोग अलग-अलग दिनों के हिसाब से अलग-अलग रीति-रिवाजों में विश्वास करते हैं. दुनिया भर के कई धर्मों में अलग-अलग दिनों पर कई अलग-अलग रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है. सप्ताह के दिनों के आधार पर कई पीढ़ियों से अलग-अलग रीति-रिवाजों का पालन किया जाता रहा है. उदाहरण के लिए, गुरुवार और शनिवार को पुरुषों के लिए दाढ़ी बनाना मना है.

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