साल 2024 को शेयर बाजार के लिहाज से आईपीओ का साल कहा जाए तो गलत नहीं होगा. मौजूदा साल में देश का अब तक का सबसे बड़ा हुंडई मोटर्स इंडिया का आईपीओ आया. वहीं बजाज हाउसिंग फाइनेंस, स्विगी, एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी और ओला इलेक्ट्रिक जैसी कंपनियों के भी बड़े आईपीओ आए. इस सप्ताह आठ आईपीओ खुलने के साथ, आईपीओ, योग्य संस्थागत प्लेसमेंट (क्यूआईपी) और राइट्स इश्यू के माध्यम से भारतीय कंपनियों ने इक्विटी बेचकर 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का फंड बनाया, जो साल 2021 में 1.88 लाख करोड़ रुपए के पिछले रिकॉर्ड से 64 फीसदी ज्यादा है.
मीडिया रिपोर्ट के हवाले से बैंकर्स का कहना है कि यही ट्रेंड 2025 में भी जारी रहने की संभावना है. नए साल में कई बड़ी कंपनियों के आईपीओ आने की संभावना है. जिसमें सबसे बड़ा नाम टाटा संस का नाम है. सेबी की गाइडलाइंस के अनुसार साल 2025 को किसी भी हालत में टाटा संस को अपना आईपीओ लेकर ही आना है. जिसकी वजह से टाटा संस और RBI के बीच काफी रस्साकशी भी चल रही है. अगर कंपनी का आईपीओ आता है तो अब तक का सबसे बड़ आईपीओ भी हो सकता है. वहीं इस फेहरिस्त में फ्लिपकार्ट, एलजी इलेक्ट्रोनिक्स, रिलायंस जियो और रिटेल जैसी कंपनियों के नाम भी शामिल हैं. जिनका आईपीओ भी कई हजार करोड़ रुपए का हो सकता है.
क्या 2025 में भी आईपीओ मार्केट में तेजी?
भारत का आईपीओ बूम 2025 में बढ़ने की संभावना है, एलजी इंडिया और फ्लिपकार्ट जैसे दिग्गज शेयर बाजार में उतरने की तैयारी कर रहे हैं. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार एलजी अगले साल शेयर बाजार में लिस्ट होने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए एलजी की इंडियन यूनिट की वैल्यूएशन 15 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने पर विचार कर रहा है. भारत की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट, जिसका मूल्य 36 बिलियन डॉलर है, संभवतः आने वाले वर्ष में आईपीओ की तैयारी कर रही है. वहीं दूसरी ओर वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली कंपनी ने अपने डोमेसाइल को सिंगापुर से भारत ट्रांसफर करने के लिए आंतरिक मंजूरी हासिल कर ली है, जिसे आईपीओ की दिशा में पहला कदम माना जाता है.
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वहीं दूसरी ओर 2025 में एचडीएफसी बैंक, हीरो मोटोकॉर्प, रिलायंस इंडस्ट्रीज, मणप्पुरम फाइनेंस, मुथूट फाइनेंस सहित एक दर्जन से अधिक लिस्टिड कंपनियां अपनी सहायक कंपनियों पब्लिक इश्यू लाने की तैयारी कर रही है. हाल ही में बैंकर्स ने मीडिया रिपोर्ट में कहा है कि ब्रिगेड एंटरप्राइजेज, केनरा बैंक और ग्रीव्स कॉटन- लिस्टिंग की योजना बना रहे हैं. दो सप्ताह पहले, ग्रीव्स कॉटन के बोर्ड ने अपनी सहायक कंपनी, ग्रीव्स इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के लिए आईपीओ को मंजूरी दी थी.
इससे पहले, एचडीएफसी बैंक की सहायक एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज ने 12,500 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) दायर किया था. 31 अक्टूबर को, ब्रिगेड एंटरप्राइजेज की सहायक कंपनी ब्रिगेड होटल वेंचर्स ने 900 करोड़ रुपये के पब्लिक इश्यू के लिए डीआरएचपी दायर किया. अगस्त में, हीरो मोटोकॉर्प की हीरो फिनकॉर्प ने आईपीओ के लिए अपना डीआरएचपी दाखिल किया, जिसमें 2,100 करोड़ रुपए का फ्रेश इश्यू और 1,568 करोड़ रुपए का ओएफएस शामिल है.
केनरा बैंक के बोर्ड ने पब्लिक ऑफर के थ्रू अपनी म्यूचुअल फंड शाखा, केनरा रोबेको में 13 फीसदी हिस्सेदारी बेचने को मंजूरी दे दी है. प्रेस्टीज एस्टेट प्रोजेक्ट्स ने भी एक सार्वजनिक इश्यू लाने की घोषणा की है. बैंकिंग सूत्रों के अनुसार, रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा मोटर्स भी क्रमशः अपनी सहायक कंपनियों, रिलायंस जियो और टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के लिए आईपीओ की योजना बना रही हैं.
वहीं दूसरी ओर टाटा संस का आईपीओ भी 2025 में आने की संभावना है. जिसे टाटा ग्रुप हर संभव टालने का प्रयास कर रहा है. आरबीआई की गाइडलाइंस को देखते हुए टाटा संस पर लगातार आईपीओ लाने का प्रेशर बन रहा है. जानकारों की मानें अगर टाटा संस का आईपीओ आता है तो ये इश्यू 55 हजार करोड़ रुपए तक का हो सकता है. जोकि अब तक का सबसे बड़ा इश्यू होगा.
क्या 2025 में टूटेगा हुंडई मोटर्स का रिकॉर्ड?
2024 में, हुंडई मोटर इंडिया का 27,870 करोड़ रुपए का आईपीओ भारत का सबसे बड़ा आईपीओ बन गया. उससे पहले ये रिकॉर्ड एलआईसी के नाम था. जो उसने 2022 में बनाया था. उस साल एलआईसी 20,557 करोड़ रुपए का आईपीओ लेकर आया था. वर्ष 2025 में एक ऐसा आईपीओ आ सकता है जो हुंडई मोटर इंडिया के रिकॉर्ड को हरा सकता है.
सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर, रॉयटर्स ने बताया है कि अरबपति मुकेश अंबानी अपने टेलीकॉम बिजनेस, रिलायंस Jio का आईपीओ लाने की योजना बना रहे हैं. जानकारों की मानें तो कंपनी की वैल्यूएशन 100 अरब डॉलर हो सकती है. वहीं मुकेश अंबानी रिलायंस रिटेल का आईपीओ कुछ साल के बाद लेकर आएंगे.
हाल के वर्षों में, एशिया के सबसे अमीर आदमी अंबानी ने केकेआर, जनरल अटलांटिक और अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी जैसी कंपनियों से डिजिटल, टेलीकॉम और खुदरा व्यवसायों के लिए सामूहिक रूप से 25 बिलियन डॉलर जुटाए, जिससे दोनों वेंचर्स का मूल्य 100 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया.
सूत्रों ने पिछले महीने रॉयटर्स को बताया कि रिलायंस ने अब 2025 में रिलायंस जियो आईपीओ लॉन्च करने की योजना बना ली है. कंपनी का मानना है कि उसने एक स्थिर बिजनेस और रेवेन्यू स्ट्रीम हासिल कर लिया है, जिससे वह भारत का नंबर 1 टेलीकॉम खिलाड़ी बन गया है. हालांकि सूत्रों ने संकेत दिया कि डेडलाइन बदल सकती है, रिलायंस का लक्ष्य 2025 में Jio IPO को भारत का अब तक का सबसे बड़ा IPO बनाना है, जो इस साल Hyundai India के रिकॉर्ड 3.3 बिलियन डॉलर के IPO को पीछे छोड़ देगा.