क्या 15 अक्टूबर से बंगाल में शुरू होगा SIR? EC ने वोटर लिस्ट मैपिंग के लिए तय की 7 दिनों की डेडलाइन

क्या 15 अक्टूबर से बंगाल में शुरू होगा SIR? EC ने वोटर लिस्ट मैपिंग के लिए तय की 7 दिनों की डेडलाइन

बंगाल में चुनाव अधिकारियों की बैठक.

पश्चिम बंगाल में 15 अक्टूबर से मतदाता सूची के सघन पुननिरीक्षण (SIR) से शुरू होने की अटकलें तेज हो गई है. केंद्रीय चुनाव आयोग की टीम ने मतदाता सूची की मैपिंग के लिए सात दिनों की डेडलाइन तय कर दी है. केंद्रीय चुनाव आयोग की टीम के प्रतिनिधियों ने बुधवा को दक्षिण बंगाल के जिलाधिकारियों के साथ हुई बैठक की है. इस बैठक के दौरान यह संकेत दिया.

चुनाव आयोग की एक विशेष टीम एसआईआर के कामकाज की समीक्षा के लिए बंगाल में है. आयोग की इस विशेष टीम का नेतृत्व उप चुनाव आयुक्त ज्ञानेश भारती कर रहे हैं. बुधवार को सीईओ ने दक्षिण बंगाल के सभी जिलाधिकारियों, अतिरिक्त जिलाधिकारियों और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ एक वर्चुअल बैठक की.

सूत्रों के अनुसार, बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि प्रत्येक जिला एसआईआर के लिए कितना तैयार है. क्या अधिसूचना प्रकाशित होने के तीन-चार दिनों के भीतर कम से कम 20 प्रतिशत गणना फॉर्म प्रिंट करना संभव है? इसकी कितनी तैयारी है? दिल्ली से आई टीम के सदस्य यह भी जानना चाहा.

बैठक में बिहार SIR की हुई चर्चा

चर्चा के दौरान आयोग के अधिकारियों ने बिहार का मुद्दा उठाया. उन्हें यह भी याद दिलाया गया कि बिहार में जहां भी चूक हुई है, वहां विभिन्न अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है.

बिहार में जब एसआईआर की घोषणा हुई यानी अधिसूचना जारी होने के बाद गणना प्रपत्रों की छपाई का काम शुरू हुआ तो चुनाव अधिकारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. बंगाल के मामले में, आज की बैठक में पूछा गया कि क्या इस काम का कम से कम 20 प्रतिशत हिस्सा 2-3 दिनों के भीतर पूरा करना संभव है.

आयोग चाहता है कि अधिसूचना जारी होने से पहले गणना प्रपत्रों की छपाई हो जाए. उत्तर बंगाल के अलीपुरद्वार ने इसमें भाग लिया. सभी काम 11-15 अक्टूबर तक पूरे करने का आदेश दिया गया है.

चुनाव आयोग ने तय की 7 दिनों की डेडलाइन

बैठक में अधिकारियों ने बार-बार 11-15 अक्टूबर की समय सीमा का जिक्र किया. इसलिए, माना जा रहा है कि बंगाल में एसआईआर 15 अक्टूबर के बाद ही हो पाएगा.

बुधवार को टीम के सदस्यों ने सीईओ के साथ मिलकर दक्षिण बंगाल के सभी ज़िलाधिकारियों, अतिरिक्त जिलाधिकारियों और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ एक वर्चुअल बैठक की. बैठक के बाद, टीम के सदस्य राजारहाट-गोपालपुर गए. वे बूथ स्तर पर सभी से, मुख्य रूप से बीएलओ से मिले.

विपक्ष ने राजारहाट-गोपालपुर-न्यूटाउन इलाके को लेकर काफी शिकायतें की हैं. आयोग राजारहाट-गोपालपुर के ईआरओ के बारे में पहले ही शिकायत कर चुका है. यह टीम उस मामले की भी जांच करेगी. फिर वहां से बारासात होगी.

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