
Budget 2025: एग्रीकल्चर सेक्टर के कैसे सुधरेंगे हालात.
भारत सरकार ने ऑर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ाने के लिए नए कदम उठा रही है. इसी दिशा में सरकार किसानों द्वारा उपजाए जाने वाले अनाजों को दोगुना निर्यात करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. इसके लिए जैविक खेती से जुड़े किसानों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए भी सरकार की ओर से आगामी दिनों में कई सारी योजनाएं चलाई जा सकती हैं. ऐसा माना जा रहा है कि आगामी 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में सरकार ऑर्गेनिक फार्मिंग को लेकर बड़े फैसले कर सकती है.
1 फरवरी को आने वाले बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण किसानों के लिए खासकर जैविक खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए बजट में कुछ ऐलान कर सकती हैं. क्योंकि सरकार ने एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट पॉलिसी के तहत एक लक्ष्य तय किया था, जिसमें साल 2022 में एग्री एक्सपोर्ट को 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने की बात कहीं गई थी. लेकिन भारत का ओवर ऑल एक्सपोर्ट वित्त वर्ष 2025 तक सिर्फ 50 बिलियन डॉलर ही रहा. जिसे बढ़ाने के लिए सरकार आगामी बजट में कुछ नया प्लान बना सकती है.
उर्वरकों की कीमतें बढ़ रही हैं
उर्वरकों की कीमतें बढ़ रही हैं और एम.आर.एल. तथा स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों से संबंधित चिंताएं हैं. इस बात पर चर्चा चल रही है कि क्या प्राकृतिक और जैविक खेती में होने वाले शुरुआती नुकसान की भरपाई के लिए नए प्रोत्साहन दिए जा सकते हैं. भारत के मसालों, बासमती चावल, मिर्च, चाय और तिल के बीजों के निर्यात एम.आर.एल. के अधीन हैं. बासमती चावल में थाइमेथोक्साम (एक कीटनाशक) और ट्राइसाइक्लाज़ोल (एक कवकनाशी), मिर्च पाउडर और प्याज पाउडर में साल्मोनेला और खाद्य उत्पादों में हल्दी में खराब रंग के मसाले मिल रहे हैं.
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निर्यात दोगुना करने का लक्ष्य
अंतर्राष्ट्रीय मानकों की अनुपस्थिति में डिफॉल्ट एमआरएल तय करने के लिए डब्ल्यूटीओ से रिफारिश की है. भारत का लक्ष्य वित्त वर्ष 26 में अपने जैविक उत्पाद निर्यात को दोगुना करके $1 बिलियन करना और वैश्विक जैविक निर्यात में अधिक हिस्सेदारी हासिल करना है, जिसका अनुमान सालाना लगभग $147 बिलियन का है.