पत्नी ने प्रेमी से कराई थी पति की हत्या, तारामणि देवी और उसके प्रेमी नेहरू सिंह मुंडा को आजीवन कारावास की सजा

रांची, झारखंड: रिश्तों को शर्मसार कर देने वाले एक जघन्य हत्याकांड में, रांची की एक अदालत ने अपनी ही पति की हत्या करवाने वाली पत्नी और उसके प्रेमी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह मामला वर्ष 2021 का है, जिसने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी थी।

जानकारी के अनुसार, रांची व्यवहार न्यायालय के अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने आरोपी पत्नी तारामणि देवी और उसके प्रेमी नेहरू सिंह मुंडा को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 (हत्या) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी ठहराते हुए यह फैसला सुनाया। अदालत ने दोनों दोषियों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की राशि अदा न करने पर उन्हें अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

पत्नी ने प्रेमी से कराई थी पति की हत्या, तारामणि देवी और उसके प्रेमी नेहरू सिंह मुंडा को आजीवन कारावास की सजा

क्या था पूरा मामला?

यह हृदयविदारक घटना 13 अक्टूबर 2021 को रांची के ओरमांझी थाना क्षेत्र में घटी थी। अभियोजन पक्ष के अनुसार, तारामणि देवी और नेहरू सिंह मुंडा के बीच प्रेम संबंध थे। इस अवैध संबंध में पति सुखराम मुंडा बाधा बन रहा था। अपने प्रेम संबंध को बरकरार रखने और पति को रास्ते से हटाने के लिए, तारामणि देवी ने अपने प्रेमी नेहरू सिंह मुंडा के साथ मिलकर पति की हत्या की साजिश रची।

साजिश के तहत, नेहरू सिंह मुंडा ने सुखराम मुंडा की निर्मम हत्या कर दी थी। पुलिस जांच में यह बात सामने आई कि हत्या में पत्नी तारामणि देवी की पूरी संलिप्तता थी। पुलिस ने गहन छानबीन के बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था और उनके खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाए थे।

अदालत का फैसला और न्याय की जीत

मामले की सुनवाई के दौरान, अभियोजन पक्ष ने मजबूती से अपना पक्ष रखा और दोषियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत किए। गवाहों के बयान और तकनीकी सबूतों के आधार पर अदालत इस नतीजे पर पहुंची कि तारामणि देवी और नेहरू सिंह मुंडा ने मिलकर सुखराम मुंडा की हत्या की थी।

अदालत का यह फैसला समाज में एक कड़ा संदेश देता है कि अपराध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, खासकर जब रिश्तों को तार-तार करके ऐसे जघन्य कृत्य किए जाते हैं। इस फैसले से मृतक सुखराम मुंडा के परिवार को न्याय मिला है, और यह दर्शाता है कि कानून अपना काम करता है, भले ही इसमें समय लगे।

इस मामले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि क्षणिक सुख और अवैध संबंधों के लिए इंसान किस हद तक गिर सकता है। उम्मीद है कि यह सजा ऐसे अपराधों को रोकने में सहायक सिद्ध होगी और लोग अपने रिश्तों की मर्यादा बनाए रखेंगे।

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