ईशान कोण को ही क्‍यों माना गया है देवी-देवताओं का स्‍थान? धन से भी है संबंध!. ˌ

ईशान कोण को ही क्‍यों माना गया है देवी-देवताओं का स्‍थान? धन से भी है संबंध!. ˌ

Pooja Ghar Vastu: वास्‍तु शास्‍त्र में घर के हर हिस्‍से के लिए सही दिशा और स्‍थान बताया गया है. इसमें पूजा घर भी शामिल है. पूजा घर बनाने के लिए वास्‍तु शास्‍त्र में उत्तर-पूर्व दिशा को सर्वोत्‍तम माना गया है. उत्तर-पूर्व दिशा को ईशान कोण भी कहते हैं. घर में पूजा स्‍थल ईशान कोण में ही बनाना चाहिए. उत्तर-पूर्व या ईशान कोण को पूजा घर बनाने के लिए इतना शुभ मानने के पीछे अहम कारण हैं.

देवी-देवताओं की दिशा है उत्तर-पूर्व
ईशान कोण को देवी-देवताओं की दिशा कहा जाता है. ईशान कोण में बना मंदिर घर में सकारात्‍मकता, सुख और समृद्धि लाता है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, ईशान कोण में भगवान शिव और जल के देवता वरुण का वास होता है. यह दिशा आध्यात्मिक उन्नति और शांति का प्रतीक है. पूजा स्थान या मंदिर को उत्तर-पूर्व दिशा में बनाना ही शुभ माना गया है. इसके अलावा पूर्व दिशा की बात करें तो सूर्य की पहली किरण इसी दिशा से आती है, जो पूरे ब्रह्मांड को ऊर्जा देती है.

पूजा करते समय मुख

ध्‍यान रहे कि घर का पूजा स्थल (मंदिर) ईशान कोण में बनाने के साथ-साथ इस बात का ध्‍यान रखना चाहिए कि पूजा करते समय मुख पूर्व या उत्तर की ओर ही हो. इसके अलावा ईशान कोण में पानी का टैंक, कुआं, हौज या बोरवेल बनवाना भी शुभ होता है क्‍योंकि यहां वरुण देवता का भी वास होता है.

ईशान कोण में ना करें ये गलतियां

घर में सकारात्‍मक ऊर्जा का संचार हो, घर के लोग स्‍वस्‍थ और समृद्ध रहें इसके लिए जरूरी है कि घर का ईशान कोण हमेशा साफ, हवादार और हल्‍का रहे. यानी कि इस जगह में ना तो कचरा रखना चाहिए, ना भारी सामान या फर्नीचर रखें. वरना घर के लोगों की तरक्‍की रुक जाती है.

वहीं उत्तर-पूर्व दिशा में बाथरूम-टॉयलेट बनवाना कंगाली, बीमारियां समेत ढेरों समस्‍याएं लाता है. ना ही उत्तर-पूर्व दिशा में बेडरूम या तिजोरी रखें. इससे तनाव बढ़ता है. तंगी आती है.

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