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कौन हैं पीपी चौधरी? जिन्हें 'वन नेशन-वन इलेक्शन' पर गठित JPC का बनाया गया अध्यक्ष

पीपी चौधरी.

भाजपा के सांसद पीपी चौधरी को वन नेशन-वन इलेक्शन बिल को लेकर गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक की समीक्षा करने वाली जेपीसी में लोकसभा से 27 और राज्यसभा से 12 सदस्य हैं. लोकसभा में वन नेशनल-वन इलेक्शन बिल को पेश किया गया था, लेकिन विपक्षी पार्टियों ने इसका विरोध किया और फिर चर्चा के लिए इसे जेपीसी को भेजने का निर्णय किया गया.

लोकसभा सचिवालय ने शुक्रवार को जेपीसी गठन की अधिसूचना जारी की और भाजपा के सांसद पीपी चौधरी को अध्यक्ष नियुक्त किया. आइए जानते हैं कि पीपी चौधरी कौन हैं, जिन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है.

जानें कौन हैं पीपी चौधरी

पीपी चौधरी वरिष्ठ अधिवक्ता के साथ-साथ राजनीतिज्ञ हैं. वह वर्तमान में भाजपा सांसद के रूप में राजस्थान के पाली निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. इससे पहले, उन्होंने कॉर्पोरेट मामलों, कानून और न्याय, और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया था.

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उन्होंने पहले विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष, जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक 2022 पर संयुक्त समिति के अध्यक्ष, व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2019 पर संयुक्त समिति के अध्यक्ष और लाभ के पदों पर संयुक्त समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है. वह लोकसभा की प्राक्कलन समिति, व्यापार सलाहकार समिति, सामान्य प्रयोजन समिति और भारत सरकार के गृह मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति के सदस्य भी थे.

पाली लोकसभा से तीसरी बार हासिल की है जीत

पीपी चौधरी ने साल 2014 में पाली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से अपना पहला लोकसभा चुनाव 4 लाख से अधिक मतों के अंतर से जीता था. साल 2019 में 5 लाख मतों के अंतर से और फिर 2024 में 2.5 लाख के अंतर से जीत हासिल कर तीसरी बार सांसद बने हैं. लोकसभा में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उन्हें 2015 और 2016 में लगातार दो वर्षों तक ‘संसद रत्न पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है.

मंत्री रह चुके हैं भाजपा सांसद

पीपी चौधरी ने 5 जुलाई 2016 को केंद्रीय मंत्रिपरिषद में राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में कार्यभार संभाला था. मंत्री रहते हुए उन्होंने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच डिजिटल विभाजन को पाटने, ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क द्वारा 1 लाख ग्राम पंचायतों के कनेक्शन को बढ़ावा देने और सभी गांवों में वाई-फाई हॉटस्पॉट लाने पर काम किया है.

इसके साथ पीपी चौधरी ने 5 जुलाई 2016 से 30 मई 2019 तक केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के साथ काम करते हुए कानून और न्याय मंत्रालय के राज्य मंत्री का पद भी संभाला था. राज्य मंत्री के रूप में, चौधरी ने 01 से 5 अप्रैल 2018 तक न्यायपालिका की स्वतंत्रता विषय पर मोरक्को के माराकेच में न्याय पर माराकेच कानून मंत्रियों के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व किया.

उन्होंने अक्टूबर 2017 में ताशकंद में एससीओ न्याय मंत्रियों की बैठक में एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भी किया. पीपी चौधरी को 3 सितंबर 2017 को कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के राज्य मंत्री का पद दिया गया. राज्य मंत्री के रूप में उन्होंने 2.5 लाख गैर-अनुपालन वाली शेल कंपनियों के नाम हटाने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया.

जोधपुर में हुआ जन्म, हाईकोर्ट में की वकालत

पीपी चौधरी का जन्म 12 जुलाई 1953 को प्रभु राम चौधरी और ढाकू देवी के पुत्र के रूप में जोधपुर, राजस्थान, भारत के भावी गांव में एक किसान परिवार में हुआ था. वो बचपन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ शाखा में शामिल हो गए और उनकी प्रारंभिक शिक्षा आरएसएस के प्रचारकों के जीवन में हुई.

उन्होंने जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर से दो स्नातक डिग्री, बीएससी और एलएलबी प्राप्त की. उन्होंने 1978 से जोधपुर उच्च न्यायालय में वकालत शुरू की. उनकी शादी वीना पाणि चौधरी से हुई है और उनके दो बच्चे हैं.