
वीजा उल्लंघन पर कनाडा सख्तImage Credit source: Getty Images
कनाडा में विदेशी छात्रों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. सख्त वीजा नियमों और निगरानी व्यवस्था के बीच हाउस ऑफ कॉमन्स समिति में प्रवासन अखंडता की प्रमुख आयशा जफर ने बताया कि करीब 47,000 विदेशी छात्र वीजा नियमों का उल्लंघन कर देश में अवैध रूप से रह रहे हैं. इनमें सबसे ज्यादा संख्या भारतीय छात्रों की है. जफर के अनुसार, इन छात्रों ने अपने अध्ययन परमिट की शर्तों का पालन नहीं किया और कक्षाओं में उपस्थित नहीं हो रहे हैं.
कनाडा के इमीग्रेशन, शरणार्थी और नागरिकता विभाग (IRCC) ने 47,175 अंतरराष्ट्रीय छात्रों को नॉन-कॉम्प्लायंट यानी अनुपालन न करने वाला बताया है. ये आंकड़े मुख्य रूप से कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की अनुपालन रिपोर्टों से लिए गए हैं. जब कोई विदेशी छात्र कक्षाओं में आना बंद कर देता है तो संस्थान को यह जानकारी IRCC को देनी होती है. बाद में यह रिपोर्ट कनाडा सीमा सेवा एजेंसी (CBSA) को संभावित कार्रवाई के लिए भेज दी जाती है.
अनुपालन न करने वाले छात्रों में सबसे अधिक भारतीय
हालांकि, IRCC अधिकारियों ने माना कि इस सिस्टम में खामियां हैं. अगर कोई संस्थान अनुपस्थिति की रिपोर्ट नहीं करता तो ऐसे छात्रों पर नजर रखने के लिए कोई प्रत्यक्ष तंत्र नहीं है. जफर ने यह भी माना कि वास्तविक संख्या और ज्यादा हो सकती है क्योंकि जांच CBSA के अधिकार में आती है. 2024 के बसंत सत्र में ही करीब 50,000 विदेशी छात्रों को नो शो यानी कक्षाओं में अनुपस्थित के रूप में चिह्नित किया गया था. इनमें से लगभग 20,000 भारतीय छात्र थे, जबकि 4,200 से अधिक चीनी छात्र भी शामिल थे.
भारतीय छात्रों के परमिट में भारी गिरावट
इन खुलासों के बीच कनाडा में अध्ययन परमिट मिलने की दर में भारी कमी देखी जा रही है. ICEF मॉनिटर की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से जुलाई 2025 के बीच केवल 52,765 अध्ययन परमिट जारी हुए, जबकि 2024 की इसी अवधि में यह संख्या 1.88 लाख से अधिक थी. अनुमान है कि यह संख्या वर्ष के अंत तक 90,000 से अधिक नहीं पहुंचेगी यानी 67.5% की भारी गिरावट.
कनाडा सरकार अपनी 2025-2027 इमीग्रेशन योजना के तहत अस्थायी निवासी आबादी को 5% से नीचे लाने का लक्ष्य रख रही है. इस नीति के चलते अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के आगमन में 70% से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है. सबसे ज्यादा असर भारतीय छात्रों पर पड़ा है, 2025 में उनके अध्ययन परमिट की अस्वीकृति दर 80% तक पहुंच गई है.
इन सभी आंकड़ों से साफ है कि कनाडा में विदेशी छात्रों के लिए माहौल काफी बदल चुका है. वीजा शर्तों का उल्लंघन करने वालों पर सख्ती बढ़ रही है और नए परमिट मिलने की संभावना भी पहले जैसी नहीं रही.