क्या फिर बनेगा अखंड भारत? जानिए किन-किन देशों को मिलाकर बनता था प्राचीन भारत, हैरान कर देंगे !

नए संसद भवन में स्थापित अखंड भारत की प्रतिमा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तो हलचल मचा दी है, लेकिन भारत में कई संगठन आज भी उस विशाल भारत के सपने को संजोए हुए हैं. उनका मानना है कि एक दिन फिर से देश अपनी प्राचीन सीमाओं को प्राप्त करेगा. तो आइए, आज हम विस्तार से समझते हैं कि यह अखंड भारत आखिर क्या है और इसमें वर्तमान के कौन-कौन से देश कभी शामिल थे.

अखंड भारत का विस्तृत स्वरूप

अखंड भारत शब्द उस गौरवशाली भारतवर्ष को दर्शाता है जिसकी भौगोलिक और सांस्कृतिक सीमाएं प्राचीन काल में अत्यधिक विस्तृत थीं. यह सिर्फ एक राजनीतिक इकाई नहीं, बल्कि एक सभ्यतागत अवधारणा थी जो विभिन्न भूभागों को एक साझा पहचान में बांधती थी. आज विश्व मानचित्र पर कई ऐसे संप्रभु देश हैं जो कभी इसी अखंड भारत के अभिन्न अंग हुआ करते थे. आमतौर पर लोगों को पाकिस्तान और बांग्लादेश के बारे में पता होता है, लेकिन इतिहास के पन्नों को पलटने पर पता चलता है कि साल 1857 से लेकर 1947 के बीच कई और राष्ट्र भी इस विशाल भारतीय भूखंड से टूटकर अलग हुए और अपनी स्वतंत्र पहचान बनाने लगे. यह विभाजन सिर्फ राजनीतिक नहीं था, बल्कि इसने सांस्कृतिक और सामाजिक ताने-बाने को भी प्रभावित किया.

अखंड भारत से हुए प्रमुख विभाजन

चंद्रगुप्त मौर्य और सम्राट अशोक जैसे महान शासकों के काल में भारत की सीमाएं मौजूदा कई देशों तक फैली हुई थीं, जो इसके विशालकाय स्वरूप को दर्शाती हैं. प्राचीन काल के इस अखंड भारत को कुछ विद्वान अखंड हिंदुस्तान या विशाल भारत के रूप में भी संदर्भित करते हैं. इस प्राचीन भारत में आज के अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका और तिब्बत जैसे कई देश शामिल थे. इन सभी देशों की अपनी अलग पहचान और इतिहास होने के बावजूद, वे कभी भारतीय उपमहाद्वीप के सांस्कृतिक और भौगोलिक दायरे में आते थे.

इनमें से सबसे प्रमुख और हालिया विभाजन पाकिस्तान और बांग्लादेश का रहा. साल 1947 में ब्रिटिश भारत के विभाजन के साथ ही पाकिस्तान एक अलग देश के रूप में अस्तित्व में आया. शुरुआती दौर में, आज का बांग्लादेश दरअसल पाकिस्तान का ही पूर्वी हिस्सा हुआ करता था, जिसे पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जाना जाता था. लेकिन, एक लंबे संघर्ष और 1971 के युद्ध के बाद, यह पूर्वी पाकिस्तान एक स्वतंत्र देश बांग्लादेश के रूप में स्थापित हुआ.

ऐतिहासिक समयरेखा: कब अलग हुए कौन से देश?

अखंड भारत से अलग होने वाले देशों की एक लंबी ऐतिहासिक समयरेखा है. अफगानिस्तान की बात करें, तो 18वीं सदी में अहमद शाह अब्दाली ने इसे एक आज़ाद देश के तौर पर स्थापित किया. साल 1937 में, आज का म्यांमार, जिसे पहले बर्मा के नाम से जाना जाता था, उसे अखंड भारत से अलग कर दिया गया. नेपाल और भूटान भी इस अखंड भारत से टूटकर अलग हुए राष्ट्र हैं. 1814 से 1816 के गोरखा युद्ध के बाद नेपाल ने सिक्किम, कुमाऊं, गढ़वाल और तराई के कुछ हिस्सों को ब्रिटिश भारत को सौंप दिया था, जिसके बाद उसकी मौजूदा सीमाएं तय हुईं. तिब्बत का कुछ हिस्सा भी पहले भारत के अंतर्गत आता था, लेकिन 1950 में चीन ने तिब्बत पर कब्ज़ा कर लिया.

आज भले ही ये सभी देश भारत से भौगोलिक और राजनीतिक रूप से अलग हो गए हों, लेकिन यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि वे अभी भी सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक तौर पर भारतीय उपमहाद्वीप से गहरे जुड़े हुए हैं. उनके इतिहास, परंपराओं और लोगों के बीच भारतीय संस्कृति की गहरी छाप आज भी देखी जा सकती है.