
अखंड ज्योति
नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान माता रानी के नौ रूपों की पूजा की जाती है. नवमी तिथि को नवरात्रि का समापन हो जाता है. इस दिन भक्त पूजा के साथ ही दान-पुण्य, कन्या पूजन का आयोजन भी करते हैं. ऐसे में कई भक्तों के मन में यह सवाल आता है कि नवरात्रि के आखिरी दिन पूजा करने के बाद अखंड ज्योति का क्या करना चाहिए. अगर आपके मन में भी यह सवाल है तो इसका जवाब आपको हमारे इस लेख में मिल जाएगा.
नवरात्रि अखंड ज्योत
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है, नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है, सुख-समृद्धि आती है और मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है. यह दीपक 9 दिनों तक निरंतर जलने वाला होता है, जो पवित्रता, दिव्यता, और आस्था का प्रतीक है. इसके अलावा, अखंड ज्योति जलाने से घर के वास्तु दोष दूर होते हैं, पितरों का आशीर्वाद मिलता है और अटके हुए काम बनने लगते हैं. हालांकि, नवरात्रि के समाप्त होने के बाद इसे ऐसे ही नहीं फेंकना चाहिए और न ही बुझाना चाहिए.
अखंड ज्योति का क्या करें?
स्वयं बुझने दें:- अखंड ज्योति को कभी भी फूंककर या किसी और तरीके से बुझाएं नहीं, बल्कि इसे अपने आप बुझने का इंतज़ार करें.
माफी मांगें:- अगर ज्योति अनजाने में बुझ जाती है, तो मां दुर्गा से क्षमा याचना करें और ‘शुभम करोति कल्याणं…’ मंत्र का जाप करें.
बत्ती निकालें:- अखंड ज्योति के बुझने के बाद उसकी बत्ती को सावधानी से निकाल लें.
तेल का उपयोग:- अखंड ज्योति की बची हुई बत्ती को या तो किसी पवित्र स्थान पर रख सकते हैं, या फिर किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर सकते हैं.
अगली पूजा में प्रयोग:- अखंड ज्योति का बचा हुआ तेल अगली पूजा या हवन में इस्तेमाल करें, क्योंकि यह बहुत पवित्र माना जाता है.
न करें ये गलती:- अखंड दीपक के पास कभी भी जूते या अशुद्ध चीजें न रखें और उस स्थान को साफ और पवित्र रखें. कभी भी एक ज्योति से दूसरी ज्योति को न जलाएं.
(Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.)