डेस्क जॉब वालों के लिए किस तरह का होना चाहिए शरीर का पोस्चर? AIIMS के डॉक्टर से जानें

डेस्क जॉब वालों के लिए किस तरह का होना चाहिए शरीर का पोस्चर? AIIMS के डॉक्टर से जानें

लंबे समय तक बैठने से होने वाले नुकसानImage Credit source: Getty Images

Desk job posture tips: जो लगो डेस्क जॉब करते हैं उनको एक तरह की परेशानी से रोज गुजरना पड़ता है, वो है लगातार एक ही जगह पर बैठे रहने के कारण होने वाली परेशानी. डेस्क जॉब वालों को लगातार एक ही जगह पर बैठना पड़ता है. एक ही पॉश्चर में बैठ रहने, स्ट्रेचिंग न करने और रोजाना इसी रूटीन को फॉलो करने से आपका पॉश्चर खराब होता चला जाता है.

हर दिन कंप्यूटर के सामने बैठे रहने के कारण सिर्फ थकान ही नहीं बल्कि धीरे-धीरे गर्दन और पीठ दर्द जैसी समस्या भी शुरू हो जाती है. AIIMS के डॉक्टरों का मानना है कि अगर डेस्क जॉब करने वालो लोग सही बॉडी पॉश्चर पर ध्यान दें, तो इन परेशानियों से बचा जा सकता है. ये जिम्मेदारी सिर्फ कर्मचारी की ही नहीं बल्कि दफ्तर को भी इस बात पर ध्यान देना चाहिए और कर्मचारियों के लिए ऐसे सेटअप तैयार करने चाहिए जिन्हें लगातार बैठे रहने के बजाए, कुछ समय के लिए आरामदायक काम करने का स्पेस मुहैया कराए.

सीधी रीढ़ और आरामदायक बैठना

एम्स के आर्थोपेडिक विभाग के प्रोफेसर डॉ. भावुक गर्ग बताते हैं कि डेस्क जॉब करने वाले लोगों के लिए सबसे जरूरी है कि वो अपनी रीढ़ को सीधी रखें. बैठते समय पीठ को कुर्सी की बैकरेस्ट से पूरी तरह टीकाकर बैठें. अक्सर लोग झुक कर बैठते हैं. इस आदत में बदलाव करना शुरू करें. झुककर बैठने से रीढ़ की हड्डी पर दबाव बढ़ने लग जाता है, जिससे स्पॉन्डिलाइटिस जैसी समस्या हो सकती है. ध्यान रखे हमेशा पीठ को सीधी रखने का आदत डालें.

मॉनिटर और चेयर की ऊंचाई

एक्सपर्ट्स का कहना है कि कंप्यूटर की स्क्रीन हमेशा आंखों के लेवल पर होनी चाहिए. अगर स्क्रीन बहुत नीचे या ऊपर हुई तो गर्द बार-बार ढुकने या उठने के कारण दर्द और जकड़न से प्रभावित हो सकती है. चेयर की ऊंचाई भी उतनी ही रके जिसमें पैर सीधे जमीन से टिकेरहें और घुटने 90 डिग्री के एंगल पर हों. अगर बैठते समय पैर जमीन से टिके नहीं रहे तो फुटरेस्ट की समस्या भी हो सकती है.

हाथ और कीबोर्ड की पोज़िशन

जो लोग माउस के साथ काम करते हैं, उनमें कलाई के दर्द की समस्या भी देखी गई है. कीबोर्ड और माउस के हमेशा शरीर के पास रखें. हाथों को इस तरह रखें कि कोहनी लगभग 90 डिग्री पर मुड़ी हो और कलाई सीधी रहे. कलाई के ऊपर नीचे रहने या गलत तरीके से लगातार मुड़े रहने के कारण कार्पल टनल सिंड्रोम की परेशानी भी हो सकती है.

हर 30 से 40 मिनट पर ब्रेक

डॉक्टर भी इस बात की सलाह देते हैं कि लगातार 6 से 7 घंटे बैठकर काम करना शरीर के लिए बेहद हानिकारक है. काम करते समय हर 30 से 40 मिनट में कुछ देर तक उठकर चलना -फिरना चाहिए. छोटी-छोटी स्ट्रेचिंग करें, हाथ-पैर हिलाना और हल्की वॉक करें. ऐसा करने से शरीर में खून का संचार बना रहता है.

आंखों की देखभाल भी ज़रूरी

आंखों को लगातार स्क्रीन पर टिके न बैठे. 20-20-20 का रूल फॉलो करें. इसका मतलब है हर 20 मिनट में 20 सेकंड के लिए 20 फीट की दूरी पर देखें. इससे आंखों को आराम मिलेगा. लगातार स्क्रीन देखने से आंखों में ड्राइनेस और सिरदर्द हो सकता है.

डेस्क जॉब करने वालों के लिए सही पॉश्चर अपनाना सिर्फ आराम नहीं बल्कि सेहतमंद रहने का तरीका भी है. सीधी रीढ़, सही स्क्रीन पॉजिशन, हाथ-पैर की आरामदायक स्थिति और नियमित ब्रेक जैसी आदतें बड़ी बीमारियों से बचा सकती हैं.

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