
घाव प्रबंधन की ट्रेनिंग दी गईImage Credit source: Getty images
किसी भी हादसे या दुर्घटना में लगी चोट का सही समय पर सटीक इलाज होना जरूरी है. इससे समय रहते मरीज की जान बचाई जा सकती है. इसके लिए अस्पताल के मेडिकल स्टाफ को घाव प्रबंधन (Wound management ) की प्रक्रिया अच्छे तरीके से आनी चाहिए . इसमें घाव की देखभाल और उपचार किया जाता है . इससे घाव जल्दी से ठीक होता है और संक्रमण का खतरा कम रहता है. अस्पतालों के स्टाफ को घाव प्रबंधन की ट्रेनिंग बेहतर तरीके से मिलनी चाहिए. इस कड़ी में दिल्ली एम्स ने दुर्घटनाओं में घायल होने वाले मरीजों का तत्काल उपचार करने के लिए नर्सिंग छात्रों को घाव प्रबंधन की ट्रेनिंग दी है.
इस ट्रेनिंग में छात्रों को संक्रमण को रोकना, घाव को साफ करना औऱ घाव की देखभाल करने की टिप्स दिए गए थे. घाव प्रबंधन में घाव को ठीक करने के लिए आवश्यक उपचार जैसे कि एंटीबायोटिक दवाएं या अन्य ट्रीटमेंट के बारे में भी बताया गया था. एम्स के बर्न्स और प्लास्टिक सर्जरी विभाग ने कॉलेज ऑफ नर्सिंग और इंटर-प्रोफेशनल वाउंड केयर एसोसिएशन (आईडब्ल्यूसीए) के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय घाव प्रबंधन प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम के जरिए छात्रों को ट्रेनिंग दी है. इसमें घाव की सफाई से लेकर उसकी देखभाल तक के बारे में डिटेल में बताया गया है.
घायलो को फौरन इलाज मिल सकेगा
एम्स के बर्न विभाग के प्रमुख प्रोफेसर मनीष सिंघल ने कहा कि डायबिटीज में होने वाले पैर के अल्सर, गभीर चोटों को रोकथाम और सही इलाज जरूरी है. इससे समय रहते मरीज की जान बचाई जा सकती है और मरीज की रिकवरी भी बेहतर तरीके से हो सकती है. घाव प्रबंधन की ट्रेनिंग की मदद से हादसों में घायल होने वाले मरीजों को फौरन इलाज मिल सकेगा.
देशभर के मेडिकल स्टाफ को इस तरह की ट्रेनिंग देने की कोशिश
डॉ मनीष ने कहा कि उनकी कोशिश है कि घाव प्रबंधन की ये ट्रेनिंग देश भर के मेडिकल स्टाफ तक पहुंचे. इसके लिए देश के दूसरे एम्स और अन्य संस्थानों के नर्सिंग छात्रों को भी ये ट्रेनिंग दी जाएगी. ग्रामीण इलाकों में मौजूद पैरामेडिकल स्टाफ को भी इस तरह की ट्रेनिंग देने की भी कोशिश की जाएगी.
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