
न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: आज के टाइम में ऑनलाइन बैंकिंग, डिजिटल पेमेंट और इसके साथ UPI एप्स के इस्तेमाल भी काफी बढ़ गए हैं. इन्हीं सब के कारन साइबर फ्रॉड बहुत बढ़ गया हैं. कोई फर्जी लिंक या फोटो भेजकर फ्रॉड करता है तो कोई ओटीपी मांग कर आपकी मेहनत की कमाइ ऊडा ले जाता हैं. बहुत से लोग डर और शर्म से किसी को बताते नहीं हैं. सोचते हैं कि खुद ही सॉर्ट आउट कर लेंगे या बाद में शिकायत करेंगे. यही लोगों की सबसे बड़ी गलती होती हैं. फ्रॉड होने के तुरंत बाद ही आपको एक्शन लेना चाहिए और कंप्लेंट करनी चाहिए. आईए आपको बताते है कि कितनी जल्दी आपको कंप्लेंट कर देनी चाहिए.
गोल्डन आवर क्या हैं?
गोल्डन आवर मतलब वो समय है जब अगर आप सही कदम उठायें, तो आपको आपके पैसे वापस मिल सकते हैं. ऑनलाइन फ्रॉड होने के तत पश्चात तुरंत 30 से 60 मिनट सबसे जरुरी वक़्त होते हैं. इस बिच अगर आप जल्दी से शिकायत करें, तो पुलिस आपके पैसे को साइबर ठगों के हाथों से बचा सकती हैं.
शिकायत करना जरुरी क्यों हैं?
साइबर ठग बहुत शातिर होते हैं. जैसे ही पैसे अकाउंट से निकाला जाता है, वैसे ही वो तुरंत उस पैसे को कई और दुसरे अकाउंट्स में भेज देते हैं. जैसे अगर मुंबई में ठगी हुई है तो कुछ ही मिनटों में पैसे पुणे, दिल्ली, केरल होते हुए कश्मीर तक पहुंच सकता हैं. पुलिस के लिए एक-एक अकाउंट ट्रेस करना काफी मुस्किल होता हैं, लेकिन अगर आप 5-10 मिनट में ही शिकायत कर दें, तो पुलिस आपका अकाउंट फ्रीज करवा सकती है और आपके पैसे ठगों के हाथ लगने से रोक सकती हैं.
शिकायत कितनी जल्दी करें?
साइबर अफसरों के अनुसार, अगर फ्रॉड 6 बजे हुआ है, तो 6:05 या 6:10 तक आपको शिकायत कर देनी हैं. ताकि 6:20 तक पुलिस या बैंक आपके अकाउंट को ब्लॉक कर सके और आपके पैसे बच सकें. इसका मतलब ही की फ्रॉड होने के बाद पहले 5 से 15 मिनट ही असली गोल्डन टाइम साबित हो सकते हैं आपके लिए.
कहां करें शिकायत?
फोन से अगर शिकायत करना है तो 1930 नंबर पर कॉल करें, ये साइबर क्राइम का हेल्पलाइन नंबर हैं. ऑनलाइन रिपोर्ट के लिए www.cybercrime.gov.in पर जाएं. आप नजदीकी पुलिस स्टेशन में भी जाकर एफआईआर भी दर्ज कर सकते हैं.
इन बातों का रखें ध्यान
फ्रॉड होने पर डरें नहीं, तुरंत शिकायत करें. जानकारी को किसी से छुपाएं नहीं. तुरंत 1930 पर कॉल करें. सोशल मीडिया पर मदद मांगने से पहले पुलिस को बताएं. अकाउंट में कोई भी किसी तरह की संदिग्ध लेन-देन या कोई संदिग्ध एक्टिविटी दिखें तो बैंक को तुरंत बताएं.