
प्रेग्नेंसी और पीरियड यानी मासिक चक्र का आपस में गहरा संबंध है। डॉक्टरों का कहना है कि यदि आप कंसीव करने का प्रयास कर रही हैं तो शारीरिक संबंध बनाने के लिए यदि मासिक चक्र के दौरान सही दिन का चुनाव करें तो पॉजिटिव रिजल्ट की संभावना बढ़ जाती है। हर पीरियड के दौरान 3 से 4 दिन ऐसे होते हैं, जिस दौरान संबंध बनाने से प्रेग्नेंसी के चांस काफी बढ़ जाते हैं, लेकिन अक्सर कपल गलती कर बैठते हैं।
जानी-मानी गायनकोलॉजिस्ट और IVF एक्सपर्ट डॉ. सुप्रिया पुराणिक अपने एक वीडियो में कहती हैं कि हर महिला की मासिक चक्र (पीरियड) की अवधि अलग-अलग रहती है। किसी की 24 दिन रहती है, किसी की 28 दिन और किसी की 35 या 40 दिन रहती है। वह कहती हैं कि अगर किसी महिला का पीरियड डेज फिक्स है तो फर्टाइल डेज पता लगाना आसान होता है। लेकिन मासिक चक्र में गड़बड़ी हो या अनियमित हो तो मुश्किल है।
Ovulation पीरियड की सही जानकारी जरूरी
डॉ. पुराणिक कहती हैं कि महिलाओं में पीरियड से 12-14 दिन पहले ओवुलेशन होता है। ओवुलेशन यानी जब ओवरी में एग रिलीज होता है। अगर ओवुलेशन पीरियड में शारीरिक संबंध बनाया जाए तो प्रेग्नेंसी के चांस काफी हद तक बढ़ जाता हैं।
कैसे पता लगाएं अपना ओवुलेशन पीरियड?
उदाहरण के तौर पर मान लें कि आज महीने की पहली तारीख है। यदि किसी महिला का पीरियड (मासिक चक्र) 24 दिनों का है तो इससे 12 से 14 दिन पहले उसका ओवुलेशन पीरियड होगा। यानी 10-14 तारीख के बीच कंसीव करने की संभावना बढ़ जाती है। इसी तरह यदि किसी का मासिक चक्र 28 दिनों का है तो उसका ओवुलेशन पीरियड महीने की 14 तारीख के आसपास होगा।
पीरियड अनियमित है तो क्या करें?
डॉक्टरों का कहना है कि सिर्फ ऐसी महिलाओं का फर्टाइल पीरियड पता लगाना ही मुमकिन है, जिनका पीरियड यानी मासिक चक्र तय है। अगर किसी का पीरियड अनियमित है तो आपको ओवुलेशन पीरियड की मॉनीटरिंग करनी होगी। इसके लिए दो विकल्प हैं। पहला- फॉलीक्युलर स्टडी, जो सोनोग्राफी के माध्यम से होती है। दूसरा है- डिजिटल ओवुलेशन किट, जिसके जरिये घर बैठे ही जांच की जा सकती है।
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.