
गट हेल्थ के लिए योगासनImage Credit source: Getty Images
3 Best Yoga Asanas by Swami Ramdev : मोटापा, अपच और गैस की समस्याएं जिस तरीके से बढ़ रही है, उसके चलते पेट की कई समस्याएं भी बढ़ रही है. भारी खाना खा लेने से या बिना समय खाना खाने की आदत से गैस, कब्ज, जलन और अपच जैसी समस्या होती है. शुरू में लोग इन समस्याओं को हल्के में लेते हैं, लेकिन धीरे-धीरे ये दिक्कतें बड़ी बीमारियों का रूप ले लेती हैं.
जब पेट खराब रहता है तो थकान, चिड़चिड़ापन और रोग प्रतिरोध क्षमता कम होने लगती है. ऐसे में सिर्फ दवा ही समाधाम नहीं होती, बल्कि योगासन औस सही खान-पान से भी पेट को लंबे समय तक हेल्दी रखा जा सकता है. पेट की गैस. कब्ज, दर्द या अपच जैसी समस्या में स्वामी रामदेव कुछ आसान से योगासन बता रहे हैं जो पेट की समस्याओं में बहुत लाभकारी हैं. नियमित अभ्यास से पेट की बीमारयां कम होती है और पाचन तंत्र भी सुधरता है. आइए जानते हैं वो योगासन कौन-से हैं और कैसे करें.
1 मंडूकासन-
मंडूकासनएक ऐसा आसन है जिसमं आप घुटनों के बल बैठते हैं, पैरों को पीछे मोड़ते हैं और हाथों ये पैरों को पकड़ते हुए आगे झुकते है.

मंडूकासन
फायदे-
- पेट पर हल्का दबाव पड़ता है,
- पेट के अंगों की मसाज होती है,
- पेट की सूजन कम होती है,
- अपच की शिकायत दूर होती है.
- भोजन जल्दी पचता है.
- कब्ज जैसी समस्या दूर होती है.
2 पवनमुक्तासन- ये एक आसान सा आसन है, जिसमें पीठ के बल लेटकर एक-एक पैर दोनों पैरों को सीने की ओर खींचते हैं. कुछ देर ऐसे में रहतो हैं. इससे पेट की गैस बाहर निकलती है और पेट की सूजन कम होती है.

पवनमुक्तासन के फायदे
फायदे-
- गैस और दर्द से राहत
- पेट के दर्द में राहत मिलती है.
- गैस की समस्या दूर होती है.
- पेट की सूजन कम होती है.
- बच्चे और बुजुर्ग दोनों कर सकते हैं.
3 भुजंगासन- इस आसन में पेट के बल लेटकर, सांप की तरह उठना होता है. अंग्रेजी में इसे कोबरा पोज भी कहते हैं. पेट को रोगों में अक्सर कमर और रीढ़ पर टेंशन बढ़ जाती है, इस आसन को करने से ये टेंशन कम हो जाती है.

भुजंगासन
फायदे-
- पेट,कमर और रीढ़ के लिए फायदेमंद
- पेट की मांसपेशियां फैलती है.
- रक्त संचार बेहतर होता है.
- पाचन शक्ति बढ़ती है.
- पेट दर्द, कमर दर्द हो तो ये आसन धीरे-धीरे करें.
योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें
स्वामी रामदेव यह कहते हैं कि इन योगासनों को रोज़ाना सुबह खाली पेट करना चाहिए. शुरुआत में धीरे-धीरे करें,शरीर की सीमा जानें और ज़्यादा जोर न लगाएं. इसके साथ हल्का और सुपाच्य भोजन करें,खूब पानी पिएं.