चप्पल पहने बीच में खड़े शख्स को पहचानते हैं? महाकुंभ स्नान के बाद वायरल हुई तस्वीर “ > • ˌ

चप्पल पहने बीच में खड़े शख्स को पहचानते हैं? महाकुंभ स्नान के बाद वायरल हुई तस्वीर “ > • ˌ

Mahakumbh 2025: महाकुंभ में स्नान करने वालों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है. लोग पैदल त्रिवेणी संगम की तरफ जा रहे हैं. कुछ स्नान करके वापस आ रहे हैं. इन सब के बीच एक शख्स की तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है. पैर में हवाई चप्पल पहन कर ये साधारण सा दिखने वाले इंसान भी करोड़ों श्रद्धालुओं की तरह संगम में स्नान करने के लिए हजारों किमी की यात्रा कर प्रयागराज पहुंचे हैं.
 
 दरअसल, हम जिस शख्स की बात कर रहें हैं वो कोई और नहीं, बल्कि महान साइंटिस्ट और पूर्व ISRO चीफ डॉक्टर एस सोमनाथ हैं.

डॉक्टर एस. सोमनाथ की उपलब्धियां
डॉक्टर एस. सोमनाथ की अध्यक्षता में इसरो ने कई महत्वपूर्ण अंतरिक्ष अभियानों का सफल नेतृत्व किया है. इनमें चंद्रयान-3 की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग और आदित्य-एल1 मिशन के तहत सूर्य की ओर भारत की पहली अंतरिक्ष यात्रा शामिल है. इन उपलब्धियों ने भारत को वैश्विक अंतरिक्ष अनुसंधान में एक प्रमुख स्थान दिलाया है.

पूर्व ISRO चीफ ने सोशल मीडिया हैंडल X ( पूर्व में ट्विटर ) पर इस यात्रा की अपनी दो तस्वीरें साझा कीं. वे पहली तस्वीर में संगम में डुबकी लगा रहे हैं, तो दूसरी तस्वीर में कई साधुओं के साथ ट्रैक सूट में नजर आ रहे हैं. उन्होंने लिखा, ‘महाकुंभ मानवता की ब्रह्मांड से जुड़ने और अमृत, जीवन के अमृत रस की खोज का एक अद्भुत अनुभव रहा. साधुओं की संगति में त्रिवेणी संगम में स्नान करना मेरे लिए एक आनंदमय और दिव्य अनुभव था.’

डॉक्टर सोमनाथ ISRO के 10वें चीफ थे
डॉक्टर एस. सोमनाथ 12 जनवरी, 2022 को इसरो के दसवें अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी संभाली थी. उन्होंने बतौर इसरो चीफ तीन साल तक सेवा की. डॉक्टर सोमनाथ का अध्यक्ष के रूप में कार्यकाल 14 जनवरी, 2025 को समाप्त हुआ था. वहीं, डॉ. वी. नारायणन उनकी जगह इस पद की जिम्मेदारी संभाली है.

एस. सोमनाथ: भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र के प्रमुख वैज्ञानिक

डॉ. एस. सोमनाथ प्रक्षेपण यान संरचनात्मक प्रणालियों ( Launch Vehicle Structural Systems ), संरचनात्मक गतिशीलता ( Structural Dynamics ), तंत्र (Mechanism ), पाइरो सिस्टम और प्रक्षेपण यान एकीकरण ( Launch Vehicle Integration ) के एक्सपर्ट्स हैं. उनके अग्रणी योगदान के कारण PSLV (पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) आज दुनिया भर के माइक्रोसैटेलाइट्स के लिए एक अत्यधिक लोकप्रिय और मांग वाला लॉन्चर बन गया है.

इसके अलावा, उन्होंने GSLV Mk III (अब LVM-3) के डिजाइन में भी तकनीकी नेतृत्व प्रदान किया है. यांत्रिक एकीकरण डिजाइन में उनके नवाचारों ने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *