
रुद्राक्ष पहनने का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व
रुद्राक्ष पहनने के नियम: रुद्राक्ष न केवल हिंदू धर्म का पवित्र प्रतीक है, बल्कि यह जीवन में आध्यात्मिक, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को संतुलित करने का शक्तिशाली साधन भी माना जाता है. शिव जी से जुड़ा यह अद्भुत यंत्र हजारों सालों से साधक और भक्तों के लिए आस्था का केंद्र रहा है. धार्मिक ग्रंथों और पुराणों के अनुसार रुद्राक्ष पहनने से व्यक्ति पर शिव जी की कृपा होती है, नकारात्मक ऊर्जा कम होती है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं. यह पहनने वाले के मन को शांत करता है, ध्यान और योगाभ्यास में मदद करता है और शरीर में ऊर्जा का संतुलन बनाए रखता है.
रूप से, रुद्राक्ष पहनने से न केवल मानसिक शांति और ध्यान की शक्ति बढ़ती है, बल्कि यह रोग और संकट से सुरक्षा का भी माध्यम बनता है. पंचमुखी, त्रयमुखी या ग्यारहमुखी जैसे रुद्राक्ष पहनने से जीवन में स्वास्थ्य, धन और सफलता में वृद्धि होती है. लेकिन इसके प्रभाव तभी पूर्ण होते हैं जब इसे सही नियमों और विधियों के साथ धारण किया जाए. जानिए वह 7 गुप्त नियम, जो हर भक्त को जानना चाहिए:
- शुद्धि और मंत्र से आरंभ करें: रुद्राक्ष पहनने से पहले इसे जल और धूप से शुद्ध करें और ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें.
- सही दिशा और हाथ: इसे दाएँ हाथ में या गले में धारण करें. यदि विशेष उद्देश्य है तो मुखानुसार रुद्राक्ष पहनें.
- नियमित जाप: रोज़ 108 बार ॐ नमः शिवाय का जाप करने से आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है.
- संयमी जीवन: रुद्राक्ष पहनने वाले को हिंसा, झूठ और नकारात्मक आदतों से दूर रहना चाहिए. यह जीवन में ऊर्जा के स्थिर प्रवाह के लिए आवश्यक है.
- रात में उतारना नहीं: अधिकांश ग्रंथों के अनुसार रात में रुद्राक्ष उतारने से उसमें स्थापित ऊर्जा कम हो जाती है.
- सही प्रकार का चुनाव: एकमुखी रुद्राक्ष मोक्ष और उच्च आध्यात्मिक शक्ति देता है, पंचमुखी मानसिक शांति और स्वास्थ्य के लिए श्रेष्ठ है, जबकि ग्यारहमुखी सफलता और बुद्धि बढ़ाने में मदद करता है.
- धैर्य और विश्वास: रुद्राक्ष केवल पहनने से नहीं, बल्कि धैर्य और आस्था के साथ धारण करने पर अपना पूर्ण प्रभाव दिखाता है.
धार्मिक मान्यता और विज्ञान दोनों इसे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का वाहक मानते हैं. सही नियमों के साथ रुद्राक्ष धारण करने से मानसिक शांति, स्वास्थ्य, आध्यात्मिक उन्नति और जीवन में स्थिरता निश्चित होती है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.