
लड़ाई के बाद बंदे ने दिया रिजाइन Image Credit source: Social Media
देहरादून के एक युवक की सोशल मीडिया पोस्ट इन दिनों खूब सुर्खियां बटोर रही है. इस शख्स ने X (पहले ट्विटर) पर अपनी कहानी साझा की, जिसमें उसने बताया कि अपने मैनेजर द्वारा की गई बेइज्जती के बाद उसने नौकरी छोड़ने का फैसला किया. बॉस और कर्मचारी के बीच हुई व्हाट्सएप बातचीत का स्क्रीनशॉट अब हर प्लेटफॉर्म पर वायरल हो चुका है. लोगों ने उसकी हिम्मत की सराहना की, क्योंकि उसने पैसों और पद से ज्यादा अपने आत्म-सम्मान को महत्व दिया.
पोस्ट में युवक ने लिखा कि उसने लंबे समय तक अपने काम के प्रति ईमानदारी और समर्पण बनाए रखा, लेकिन जब बात उसकी इज्जत पर आई, तो उसने चुप रहना ठीक नहीं समझा. उसने बताया कि कंपनी में हुए एक मामूली झगड़े के बाद मैनेजर ने ऐसी बातें कहीं जो उसे बेहद अपमानजनक लगीं. उसी वक्त उसने तय कर लिया कि अब वह वहां नहीं रुकेगा.
क्या था आखिर ये मामला?
पोस्ट के साथ उसने अपने मैनेजर के साथ हुई चैट का स्क्रीनशॉट भी साझा किया, जो अब हजारों बार रीट्वीट हो चुका है. बातचीत भले ही छोटी थी, लेकिन उसमें बहुत कुछ छिपा था. चैट के मुताबिक, मैनेजर ने पिछली रात की किसी बात को लेकर माफी मांगी थी. उसने लिखा, भाई, कल जो हुआ उसके लिए माफ करना. बुरा मत मानना, इसे पर्सनल मत लेना. मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं.
इसके जवाब में कर्मचारी ने काफी शांत लेकिन दृढ़ लहजे में लिखा, मैं थक गया हूं सर. आपको अभी अपना रेजिग्नेशन मेल भेज रहा हूं. अब मैं यहां काम नहीं करूंगा. इसके बाद मैनेजर ने उसे रोकने की कोशिश की और बातचीत करने की पेशकश की, लेकिन उसने साफ इंकार कर दिया. उसने कहा कि जब आत्म-सम्मान टूट जाता है, तो बात करने से कुछ नहीं बदलता.
यहां देखिए पोस्ट
This is the end…
Hold your breathe and count to 10. pic.twitter.com/qY7LUp97Gv— Ashutosh Nautiyal (@ashutosh_0_7) October 24, 2025
कुछ ही घंटों में यह चैट वायरल हो गई. हजारों लोगों ने इस पोस्ट पर प्रतिक्रिया दी और अधिकांश ने युवक के फैसले की तारीफ की. कई यूजर्स ने लिखा कि हर किसी के जीवन में एक ऐसा पल आता है, जब पैसे या पद से ज्यादा आत्म-सम्मान अहम हो जाता है. वहीं, कुछ लोगों ने कहा कि आज के दौर में जहां नौकरी पाना इतना मुश्किल है, वहां इतनी हिम्मत दिखाना आसान नहीं होता.
देहरादून के इस युवक ने जो कदम उठाया, वह सिर्फ उसकी निजी कहानी नहीं रही. अब यह उन लाखों लोगों की आवाज बन गई है जो अपने ऑफिस में किसी न किसी तरह के मानसिक दबाव या अपमान का सामना करते हैं. इस घटना ने यह भी दिखाया कि सम्मान की कीमत किसी सैलरी स्लिप से नहीं तोली जा सकती.




