Vasuki Kaal Sarp Dosh कब और किस स्थिति में लगता है वासुकी काल सर्प दोष? जानें इससे बचने के उपाय “ • ˌ

Vasuki Kaal Sarp Dosh: ज्योतिष शास्त्र में व्यक्ति को लगने वाले कई दोषों के बारे में बताया गया है. ज्योतिष शास्त्र कहता है कि व्यक्ति के जन्म के समय ग्रह और नक्षत्रों की स्थिति के चलते उसे कोई न कोई दोष लग जाता है. हालांकि ये जरूरी नहीं हर व्यक्ति को दोष लग जाए. ज्योतिष शास्त्र में बताए गए दोषों में से ही एक वासुकी काल सर्प दोष है. आइए जानते हैं वासुकी काल सर्प दोष कब लगता है और ये कितना खतरनाक है. साथ ही इससे बचाव के उपाय क्या हैं.

वासुकी कालसर्प दोष

ज्योतिष शास्त्र कहता है कि जब किसी जातक की कुंडली में जब राहु तीसरे भाव और केतु नौवें भाव में रहता है, तो कालसर्प दोष का निर्माण होता है. हालांकि इस दौरान राहू और केतु के मध्य सभी शुभ और अशुभ ग्रहों की मौजूदगी जरूरी है. जातक को वासुकी कालसर्प दोष है या नही ये किसी ज्योतिष से विचार कराने पर पता चल सकता है. इस दोष के निवारण के बाद ही व्यक्ति के जिंदगी में खुशियां आती हैं.

वासुकी कालसर्प दोष के प्रभाव

ज्योतिषियों के अनुसार, वासुकी कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति जिंदगी में बहुत संघर्ष करता है. उसके परिवार में हमेशा लड़ाई झगड़े होते हैं. वो शिक्षा के क्षेत्र में जल्दी सफल नहीं होता. उसके धैर्य में कमी होती है. वासुकी कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति ज्यादातर नाखुश रहता है. वासुकी कालसर्प दोष से पीड़ित जीवन में जल्दी सफलता भी हासिल नहीं कर पाता. कुल मिलाकर ये दोष शुभ नहीं माना जाता.

ये भी पढ़ें

वासुकी कालसर्प दोष के उपाय

ज्योतिषियों का मानना है वासुकी कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को हनुमान चालीसा पढ़नी चाहिए. साथ ही हर मंगलवार को लाल रंग की वस्तुओं का दान देना चाहिए. इसके अलावा राहु और केतु के बीज मंत्र को जपना चाहिए. भगवान शिव की रोजाना पूजा आराधना करनी चाहिए. मान्यता है कि भोलेनाथ की पूजा और उन्हें प्रसन्न करने से व्यक्ति इस दोष से मुक्त हो जाता है.

ये भी पढ़ें:Saphala Ekadashi Kab hai: 26 या 27 दिसंबर सफला एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा? एक क्लिक में दूर करें कंफ्यूजन

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र के नियमों पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.