
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI ऑटोपे सिस्टम में बड़ा बदलाव किया है. अब यूज़र्स किसी भी UPI ऐप पर अपने सभी एक्टिव ऑटोपे पेमेंट्स (mandates) देख सकेंगे. चाहे वो Google Pay, PhonePe या Paytm पर हों. इस बदलाव के अब यूपीआई पेमेंट ऐप पर यूजर्स का पूरी तरह कंट्रोल होगा और उन्हें डिडक्ट होने वाले सभी ऑटो पेमेंट की पूरी जानकारी एक साथ मिल जाएगी. आइए जानते हैं NPCI के इस बड़े बदलाव के बारे में.
क्या है नया नियम?
NPCI ने एक नया फ्रेमवर्क जारी किया है, जिसके तहत यूज़र अपने सभी चल रहे UPI ऑटोपे मैनडेट्स (यानि वो पेमेंट्स जो हर महीने अपने आप कटते हैं जैसे OTT सब्सक्रिप्शन, मोबाइल बिल या EMI) को किसी भी ऐप से देख और मैनेज कर पाएंगे. इसका मतलब ये हुआ कि अगर आपके कुछ ऑटोपे पेमेंट्स Google Pay पर हैं और कुछ PhonePe पर, तो आप चाहें तो दोनों को किसी एक ऐप में ही देख सकते हैं. इसके अलावा, यूज़र अब चाहे तो एक ऐप से दूसरे ऐप में अपने मैनडेट्स ट्रांसफर (port) भी कर पाएंगे.
व्यापारी के लिए भी बदलाव
अब व्यापारी भी अपने पसंदीदा पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर (PSP) के ज़रिए UPI ऑटोपे मैनडेट्स चला पाएंगे. NPCI ने 7 अक्टूबर 2025 के सर्कुलर में कहा है कि सभी बैंक और UPI ऐप्स को यह नया सिस्टम 31 दिसंबर 2025 तक लागू करना होगा.
यूज़र्स के लिए क्या फायदा?
इस बदलाव के बाद यूज़र को पता रहेगा कि कौन-कौन से नियमित पेमेंट्स UPI के ज़रिए अपने आप हो रहे हैं. इससे पैसों की बेहतर प्लानिंग और बजट मैनेजमेंट करना आसान हो जाएगा.
NPCI ने क्या निर्देश दिए?
NPCI ने बैंकों और UPI ऐप्स से कहा है कि वे अपने ऐप में एक Manage Bank Accounts या UPI Autopay सेक्शन बनाएं, जहां यूज़र अपने सभी ऑटोपे मैनडेट्स देख सकें और चाहें तो दूसरे ऐप में ट्रांसफर कर सकें. साथ ही NPCI ने साफ किया है कि किसी भी ऐप को यूज़र को पोर्ट करने के लिए कैशबैक, ऑफर या नोटिफिकेशन देकर लालच नहीं देना चाहिए. मैनडेट पोर्टिंग केवल यूज़र की इच्छा पर ही होनी चाहिए.
नया सिक्योरिटी फीचर भी आया
NPCI ने एक और सर्कुलर में बताया कि अब UPI PIN सेट या रीसेट करने के लिए फेस ऑथेंटिकेशन (Face ID) और बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन (फिंगरप्रिंट आदि) की सुविधा मिलेगी. यह ऑन-डिवाइस बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन फिलहाल ₹5,000 तक के ट्रांजैक्शन के लिए लागू रहेगा, जिसे बाद में बढ़ाया जा सकता है. कुल मिलाकर, यह बदलाव UPI यूज़र्स के लिए ज़्यादा पारदर्शिता, सुरक्षा और सुविधा लेकर आने वाला है.