UP MBBS Seats: यूपी के मेडिकल काॅलेजों में MBBS और PG सीटों की संख्या में होगी बढ़ोतरी, राज्य सरकार ने दी मंजूरी

UP MBBS Seats: यूपी के मेडिकल काॅलेजों में MBBS और PG सीटों की संख्या में होगी बढ़ोतरी, राज्य सरकार ने दी मंजूरी

नई सीटें सरकारी और प्राइवेट मेडिकल काॅलेजों में जोड़ी जाएंगी. Image Credit source: getty images

उत्तर प्रदेश सरकार ने 2025-26 एकेडमिक सेशन के लिए मेडिकल एजुकेशन सीटों की संख्या में बड़ी बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है. राज्य के सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में कुल 950 नई MBBS सीटें और 271 पोस्टग्रेजुएट (PG) सीटें जोड़ी जाएंगी. इस फैसले से राज्य के हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती मिलने और मेडिकल करियर बनाने वाले स्टूडेंट्स को ज्यादा मौके मिलने की उम्मीद है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह बढ़ोतरी डॉक्टरों की कमी को दूर करने और मेडिकल ट्रेनिंग सुविधाओं को बढ़ाने के लिए राज्य की चल रही कोशिशों का हिस्सा है. ये नई सीटें शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स की बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद करेंगी. प्रदेश के सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल ग्रेजुएशन और पोस्टग्रेजुएशन की सीटें बढ़ाई जाएंगी.

सरकारी और प्राइवेट काॅलेजों में कितनी बढ़ेंगी मेडिकल सीटें?

MBBS सीटों का एक बड़ा हिस्सा प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में जोड़ा जाएगा, जिसमें 12 प्राइवेट इंस्टीट्यूशन में 750 सीटें दी जाएंगी. इसके अलावा, तीन सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 200 नई MBBS सीटें शुरू की जाएंगी. खास बात यह है कि अमेठी के ऑटोनॉमस स्टेट मेडिकल कॉलेज को 100 सीटें मिलेंगी, जबकि नोएडा और वाराणसी के ESIC मेडिकल कॉलेजों को 50-50 और सीटें मिलेंगी. इसके चलते आने वाले एकेडमिक साल में उत्तर प्रदेश में MBBS सीटों की कुल संख्या लगभग 12,800 हो जाएगी, जिसमें सरकारी कॉलेजों में 5,450 और प्राइवेट कॉलेजों में 7,350 सीटें होंगी.

मेडिकल पीजी सीटों में भी बढ़ोतरी

यह बढ़ोतरी सिर्फ अंडरग्रेजुएट कोर्स तक ही सीमित नहीं है. राज्य सरकार ने नई 271 और MD और MS सीटों को भी मंजूरी दी है. इनमें से 233 सीटें सरकारी कॉलेजों में होंगी, जबकि 38 सीटें कानपुर के नारायण मेडिकल कॉलेज में दी जाएंगी, जो एक प्राइवेट इंस्टीट्यूशन है.

इससे उत्तर प्रदेश में सरकारी कॉलेजों में PG सीटों की कुल संख्या 2,137 और प्राइवेट कॉलेजों में 2,160 हो जाएगी. PG सीटों में बढ़ोतरी से पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन के ज्यादा मौके मिलने और स्पेशलिस्ट की बढ़ती मांग को पूरा करने की राज्य की क्षमता में सुधार होने की उम्मीद है.

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