
देशभर में मछली खाने के शौकीन लोगों के लिए एक परेशानी की समस्या है – गले में कांटा अटकना। लेकिन अब इस समस्या का समाधान आपकी रसोई में ही मौजूद है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने ऐसे पांच सरल और प्रभावी घरेलू उपाय बताए हैं जिनसे मिनटों में राहत पाई जा सकती है।
आम समस्या बनी है बड़ी परेशानी
पोषण विशेषज्ञों के अनुसार मछली प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत है और इसके सेवन से कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। देश के तटीय राज्यों में तो मछली मुख्य भोजन का हिस्सा है। लेकिन खाने के दौरान छोटे-बारीक कांटे अक्सर गले में फंस जाते हैं, जिससे व्यक्ति को तेज दर्द, खराश और निगलने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। विशेषकर बच्चों में यह समस्या अधिक देखी जाती है, जो रोने-चिल्लाने लगते हैं।
चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्थिति में घबराना सबसे बड़ी गलती है। सही तरीके से कुछ सामान्य घरेलू सामग्री का उपयोग करके इस समस्या से निजात पाया जा सकता है।
पहला उपाय – केला है सबसे कारगर
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार पका हुआ केला इस समस्या का सबसे प्रभावी समाधान है। केले का एक बड़ा टुकड़ा बिना अधिक चबाए धीरे-धीरे निगलना चाहिए। केले की मुलायम प्रकृति और उसके प्राकृतिक रेशे गले में अटके कांटे को अपने साथ नीचे खींच लेते हैं। यह विधि सुरक्षित और तुरंत राहत देने वाली है।
दूसरा विकल्प – चावल या रोटी का प्रयोग
यदि केला उपलब्ध न हो तो पके हुए चावल या सूखी रोटी का सहारा लिया जा सकता है। एक मुट्ठी चावल या रोटी का टुकड़ा थोड़े पानी के साथ निगलने से कांटा दबाव के कारण पेट में चला जाता है। यह पारंपरिक नुस्खा पीढ़ियों से अपनाया जा रहा है।
तीसरा तरीका – गुनगुने पानी का सहारा
छोटे और हल्के कांटे के मामले में गुनगुना पानी धीरे-धीरे पीना फायदेमंद साबित होता है। यह गले की मांसपेशियों को आराम देता है और कांटे को नीचे सरकाने में मदद करता है। साथ ही गले की जलन और खराश भी कम हो जाती है।
चौथा उपचार – शहद के गुण
प्राकृतिक शहद में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो गले को कोट करके कांटे को सरकाने में सहायक हैं। एक चम्मच शहद धीरे-धीरे निगलने से न केवल कांटा नीचे जाता है बल्कि गले में होने वाली सूजन और संक्रमण से भी बचाव मिलता है।
पांचवा समाधान – सूखा ब्रेड या टोस्ट
सूखा ब्रेड या टोस्ट भी इस समस्या में कारगर साबित होता है। इसे बिना अधिक चबाए पानी के साथ निगलने से कांटे पर दबाव पड़ता है और वह नीचे खिसक जाता है। यह पुराना और आजमाया हुआ तरीका है।
कब है डॉक्टरी सलाह जरूरी
स्वास्थ्य विशेषज्ञ चेताते हैं कि यदि इन सभी घरेलू उपायों के बावजूद कांटा न निकले या दर्द बढ़ता जाए, खून निकलने लगे तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। लंबे समय तक कांटा अटका रहने से गले में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
बचाव ही है सबसे अच्छा इलाज
विशेषज्ञों का सुझाव है कि मछली खाते समय धीरे-धीरे और सावधानी से खाना चाहिए। बच्चों को मछली देते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए और उनके पास बैठकर निगरानी करनी चाहिए। जल्दबाजी में खाना खाने से बचना चाहिए।
निष्कर्ष
मछली के कांटे की समस्या से निपटने के लिए घबराना नहीं चाहिए। सही जानकारी और उचित घरेलू उपायों से इस परेशानी से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है। हालांकि, गंभीर स्थिति में चिकित्सकीय सहायता लेने में देर नहीं करनी चाहिए।
(अस्वीकरण: यह जानकारी सामान्य स्वास्थ्य सुझावों पर आधारित है। किसी भी उपाय को अपनाने से पहले योग्य चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।)