डिजिटल अरेस्ट कर ठगों ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर को लगाया 12 करोड़ का चूना “ • ˌ

Fraudsters duped a software engineer of Rs 12 crore by making a digital arrest
Fraudsters duped a software engineer of Rs 12 crore by making a digital arrest

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बेंगलुरु। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक 39 साल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर “डिजिटल अरेस्ट” स्कैम का शिकार हो गये और ठगों ने उन्हें करीब 12 करोड़ रुपये का चूना लगा दिया. ठगों ने पुलिस अधिकारी बनकर आधार कार्ड के दुरुपयोग का झांसा देकर उनसे 11.8 करोड़ रुपये ठग लिए.

न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक पीड़ित ने अपनी शिकायत में बताया कि 11 नवंबर को उसे एक कॉल आई. कॉलर ने खुद को टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) का अधिकारी बताया और कहा कि उसके आधार से लिंक सिम कार्ड का इस्तेमाल अवैध विज्ञापन और उत्पीड़न के लिए किया जा रहा है.

इसके बाद एक अन्य कॉल में ठग ने खुद को पुलिस अधिकारी बताया और दावा किया कि पीड़ित का आधार कार्ड बैंक खातों को खोलने और मनी लॉन्ड्रिंग में इस्तेमाल हो रहा है. ठगों ने उसे डराया कि यदि उसने इस “वर्चुअल जांच” में सहयोग नहीं किया तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

पीड़ित को Skype ऐप डाउनलोड करने को कहा गया. इसके बाद मुंबई पुलिस की वर्दी पहने हुए एक व्यक्ति ने वीडियो कॉल की और बताया कि उसके आधार का इस्तेमाल कर एक व्यापारी ने 6 करोड़ रुपये के लेनदेन के लिए बैंक खाता खोला है.

25 नवंबर को एक अन्य व्यक्ति ने पुलिस वर्दी में वीडियो कॉल किया और दावा किया कि यह मामला हाई कोर्ट में चल रहा है. ठगों ने पीड़ित को धमकी दी कि यदि उसने उनकी बात नहीं मानी, तो उसके परिवार को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

ठगों ने ‘सत्यापन प्रक्रिया’ के बहाने पीड़ित से अलग-अलग खातों में पैसे ट्रांसफर करने को कहा. डर और दबाव में, पीड़ित ने कुल 11.8 करोड़ रुपये कई लेनदेन के जरिए ट्रांसफर कर दिए. जब ठगों ने और पैसे की मांग की, तब पीड़ित को एहसास हुआ कि वह एक बड़े फ्रॉड का शिकार हो गया है. इसके बाद उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.

पुलिस ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच जारी है और ठगों को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं.