
जर्माना सीसीपीए की ओर से लगाया गया है.
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केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने दृष्टि आईएएस कोचिंग पर पांच लाख का जुर्माना लगाया है. यह जुर्माना कोचिंग संस्थान पर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 रिजल्ट के बारे में भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने को लेकर लगाया गया है. आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है, जिस कारण जुर्माना लगाया गया है. कोचिंग का संचालन विकास दिव्यकीर्ति की ओर से किया जाता है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कोचिंग संस्थान ने अपने विज्ञापन में दावा किया था कि UPSC CSE 2022 में 216 से अधिक अभ्यर्थियों चयन किया गया, जिसमें अभ्यर्थियों के नाम और फोटो भी थे. जब इस मामले की जांच CCPA ने की ओर से की गई तो पता चला कि अभ्यर्थियों द्वारा लिए गए पाठ्यक्रमों के प्रकारों और अवधि के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी छिपाई गई थी.
जांच में हुआ ये खुलासा, विज्ञापन में छिपाई गई जानकारी
जांच में पता चला कि 216 अभ्यर्थियों में से 162 संस्थान के निशुल्क इंटरव्यू गाइडेंस प्रोग्राम (IGP) में शामिल हुए थे. प्रोग्राम में शामिल अभ्यर्थियों ने खुद से प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा पास की थी. सिर्फ 54 कैंडिडेट ही प्रोग्राम के अलावा अन्य पाठ्यक्रमों में रजिस्टर्ड थे. इस जानकारी को छिपाना उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 2 (28) के तहत भ्रामक विज्ञापन की कैटेगरी में आता है. पहले भी संस्थान पर इसी तरह के मामले को लेकर 3 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया था.
अब तक लग चुका है 26 संस्थानों पर जुर्माना
CCPA ने उल्लेख किया कि सितंबर 2024 में प्राधिकरण ने UPSC CSE 2021 में 150+ चयन के भ्रामक दावे के लिए Drishti IAS 3 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था. संस्थान ने 161 उम्मीदवारों का विवरण प्रदान किया था, जो सही नहीं थे. अब तक CCPA की ओर से विभिन्न कोचिंग संस्थानों को 54 नोटिस भ्रामक विज्ञापनों के संबंध में जारी किया जा चुका हैं. वहीं 26 कोचिंग संस्थानों पर 90.6 लाख रुपए से अधिक का जुर्माना लगाया जा चुका है. साथ ही भ्रामक विज्ञापनों को तुरंत बंद करने के निर्देश जारी किए गए हैं.
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