बच्चे का नाम रखने के लिए ये महिला लेती है 27 लाख रुपये, घर के बाहर लगती है लोगों की लाइन!

बच्चे का नाम रखने के लिए ये महिला लेती है 27 लाख रुपये, घर के बाहर लगती है लोगों की लाइन!

टेलर हम्फ्री

भारत में बच्चों का नाम रखना हमेशा से एक पारिवारिक और परंपरागत काम माना जाता है. यहां अक्सर दादी-नानी, नाना-दादा या माता-पिता मिलकर बच्चे का नाम तय करते हैं, जिसमें धर्म, ज्योतिष और रीति-रिवाजों की भी बड़ी भूमिका होती है लेकिन अमेरिका में एक महिला ने इसी काम को अपने कमाई का जरिया बना लिया है.

सैन फ्रांसिस्को की रहने वाली टेलर हम्फ्री नाम की यह महिला पेशेवर तौर पर बच्चों के नाम सुझाती हैं और इसके लिए लाखों रुपये तक वसूलती हैं. उनकी खासियत ये है कि वो ऐसे नाम सुझाती हैं जो बिल्कुल अलग, अनोखे और याद रहने वाले हों. इसलिए अमीर घरों के माता-पिता उनके पास पहुंचते हैं, ताकि उनके बच्चे का नाम कुछ ऐसा हो जो किसी और के पास न हो.

100 डॉलर से शुरू किया काम

न्यूयार्क पोस्ट की एक खबर के मुताबिक, टेलर ने ये काम साल 2018 में शुरू किया था. उस वक्त वह सिर्फ 100 डॉलर (करीब 8,000 रुपये) लेकर नाम सुझाया करती थीं. फिर एक पार्टी में कुछ अमीर बिजनेसमैन से बात हुई, जिन्होंने उन्हें कहा कि तुम अपने काम की कीमत बढ़ा सकती हो. इसके बाद जब न्यू यॉर्कर नाम की मशहूर मैगजीन में टेलर की कहानी छपी, तो उनके पास काम की बाढ़ आ गई. देखते ही देखते उनका छोटा-सा काम बड़ा बिजनेस बन गया. अब उनके नाम सुझाने के पैकेज 200 डॉलर (लगभग 17 हजार रुपये) से शुरू होकर 30,000 डॉलर (करीब 27 लाख रुपये) तक पहुंच गया हैं. वो दाम के हिसाब से नाम बताती हैं.

पैसे के हिसाब से काम करती हैं टेलर

अगर कोई छोटा पैकेज लेता है तो टेलर ईमेल से कुछ नाम सुझा देती हैं. लेकिन जो लोग बड़ा पैकेज लेते हैं, उनके लिए टेलर बहुत गहराई से रिसर्च करती हैं. वो पूछती हैं कि परिवार किस देश से है, क्या परंपराएं हैं, माता-पिता क्या चाहते हैं और नाम से बच्चा बड़ा होकर कैसे पहचाना जाए. यहां तक कि अगर मां-बाप आपस में नाम को लेकर लड़ रहे हों, तो टेलर उन्हें समझा-बुझाकर एक नाम पर राज़ी भी कर देती हैं.

500 से ज्यादा बच्चों के नाम रख चुकी हैं टेलर

टेलर अब तक 500 से ज्यादा बच्चों के नाम रख चुकी हैं. सोशल मीडिया पर उन्हें एक लाख से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं. उनका कहना है कि एक नाम सिर्फ बोलने के लिए नहीं होता, वो बच्चे की पहचान बनता है. इसलिए उसे सोच-समझकर और खास तरीके से चुना जाना चाहिए.

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