
Jarasandha born in Mahabharata: महाभारत के योद्धा जरासंध के भगवान कृष्ण से चिढ़ने, भीम द्वारा उसका वध किए जाने के किस्से तो सभी लोग जानते हैं. लेकिन जरासंध के जन्म से जुड़ी एक ऐसी कथा है जो कई लोगों के लिए अनसुनी है.
जरासंध का जन्म
महाभारत के अद्भुत योद्धा जरासंध का जन्म बेहद रोचक घटना थी. दरअसल, महाभारत ग्रंथ के मुताबिक जरासंध का जन्म एक नहीं बल्कि दो माताओं की कोख से हुआ था. बाद में एक जादूगरनी ने उस बच्चे को जीवन दिया.
नि:संतान थे मगध के राजा
मगध के राजा बृहद्रनाथ नि:संतान थे. उनकी 2 रानियां थीं, लेकिन दोनों को ही कोई संतान नहीं हुई. तब संतान पाने की इच्छा से राजा बृहद्रनाथ ऋषि चंद्रकौशिक के आश्रम में गए और उनकी खूब सेवा की.
दोनों रानियों को खिला दिया सेव
राजा की सेवा से प्रसन्न होकर ऋषि ने उन्हें एक सेब दिया और कहा कि इसे जाकर रानी को खिला देना. तुम्हे संतान प्राप्त होगी. राजा बृहद्रनाथ ने महल आकर सेब के 2 टुकड़े किए और दोनों रानियों को खिला दिए.
दो टुकड़ों में पैदा हुआ बच्चा
दोनों रानियां गर्भवती हुईं और जब बच्चे का जन्म हुआ तो देखकर दंग रह गईं. दरअसल, दोनों रानियों के गर्भ से आधे-आधे बच्चे का जन्म हुआ था. ये देखकर दोनों रानियां घबरा गई और बच्चे के हिस्सों को जंगल में फेंक आईं.
जादूगरनी ने जोड़े बच्चे के टुकड़े
उस जंगल में ‘जरा’ नाम की जादूगरनी रहती थी, उसने जब बच्चे को देखा तो अपने जादू से बच्चे के दोनों टुकड़े जोड़ दिए और बच्चा जी उठा.
जादूगरनी के नाम पर रखा जरासंध नाम
जब ये खबर राजा बृहद्रनाथ तक पहुंची तो वे अपने बच्चे को महल लेकर आए और अपने बच्चे का नाम उसी जादूगरनी के नाम पर ‘जरासंध’ रख दिया.
जरासंध वध
महाभारत युद्ध में भीम और जरासंध का भयंकर युद्ध हुआ ओर आखिर में भीम ने जरासंध का वध कर दिया था.