वजन घटाने का खेल बदल देगा वैज्ञानिकों का ये नया फॉर्मूला, सिर्फ दो चीजों से कम होने लगेगी जिद्दी चर्बी “ • ˌ

This new formula of scientists will change the game of weight loss, stubborn fat will start reducing with just two thingsThis new formula of scientists will change the game of weight loss, stubborn fat will start reducing with just two things
This new formula of scientists will change the game of weight loss, stubborn fat will start reducing with just two things

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अगर आप लंबे समय से वजन घटाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन जिद्दी चर्बी कम नहीं हो रही, तो वैज्ञानिकों का नया फॉर्मूला आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. हाल ही में हुई एक सिस्टमेटिक रिव्यू और मेटा-एनालिसिस में दावा किया गया है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग (खासकर टाइम-रिस्ट्रिक्टेड ईटिंग) और एक्सरसाइज को मिलाकर अपनाने से शरीर की चर्बी तेजी से कम हो सकती है.

वैज्ञानिकों ने 15 स्टडीज का विश्लेषण किया, जिसमें कुल 338 प्रतिभागी शामिल थे. इन अध्ययनों में पाया गया कि जो लोग एक्सरसाइज के साथ-साथ टाइम-रिस्ट्रिक्टेड ईटिंग को अपनाते हैं, उनके शरीर में फैट मास और बॉडी फैट प्रतिशत में अधिक कमी देखी गई. रिपोर्ट के अनुसार, इन लोगों का औसतन 1.3 किलोग्राम फैट मास और 1.3% बॉडी फैट प्रतिशत कम हुआ.

क्या है टाइम-रिस्ट्रिक्टेड ईटिंग?
इस डाइट प्लान में खाने का समय सीमित किया जाता है, जिससे शरीर को 12 से 20 घंटे तक बिना भोजन के रहना पड़ता है. इस दौरान शरीर खुद को रिपेयर करता है और स्टोर्ड फैट को एनर्जी के रूप में इस्तेमाल करता है. शोध में शामिल ज्यादातर प्रतिभागियों ने दोपहर 12 बजे से रात 9 बजे तक खाने का समय रखा, जबकि बाकी समय वे उपवास करते रहे.

कैसे काम करता है यह नया फॉर्मूला?
शोधकर्ताओं के मुताबिक, जब हम टाइम-रिस्ट्रिक्टेड ईटिंग और एक्सरसाइज को मिलाते हैं, तो शरीर में फैट-बर्निंग प्रोसेस तेज हो जाता है. फास्टिंग के दौरान शरीर स्टोर्ड फैट को एनर्जी में बदलता है, जिससे वजन घटने लगता है. एक्सरसाइज से मसल्स मजबूत होते हैं और मेटाबॉलिज्म तेज होता है, जिससे फैट तेजी से बर्न होता है.

क्यों असरदार है यह तरीका?
पारंपरिक डाइट प्लान के मुकाबले यह आसान है, क्योंकि इसमें कैलोरी गिनने की जरूरत नहीं होती. खाने का टाइम सीमित होने से लोग कम कैलोरी का सेवन करते हैं, जिससे वजन घटता है. यह तरीका शरीर की फैट स्टोरेज क्षमता को कम करती है और इंसुलिन लेवल को बैलेंस रखती है.

क्या कहती है रिसर्च?
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह तरीका वजन घटाने के लिए एक सरल और प्रभावी उपाय साबित हो सकता है. हालांकि, हर व्यक्ति के शरीर की जरूरत अलग होती है, इसलिए इसे अपनाने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लेना जरूरी है.