
कतर में लॉन्च हुआ भारत का यूपीआई सिस्टम.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कतर दौरे पर दोहा के लुलु मॉल में भारत का UPI (Unified Payments Interface) सिस्टम लॉन्च किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह सिर्फ डिजिटल पेमेंट का तरीका नहीं बल्कि भारत के इनोवेशन और टेक्नोलॉजी की ताकत का प्रतीक है. भारत 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि जब भी कतर में कोई UPI से पेमेंट करता है, वह भारत की टेक्नोलॉजी, उसकी फाइनेंशियल स्ट्रेंथ और दोनों देशों की बढ़ती साझेदारी को महसूस करता है.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत में 9 साल पहले UPI को शुरू किया गया था. आज UPI भारत की सबसे बड़ी सफलता की कहानी है. भारत में 85% डिजिटल पेमेंट UPI से होते हैं और दुनिया के करीब 50% डिजिटल ट्रांजेक्शन UPI के जरिए किए जाते हैं. उन्होंने कतर नेशनल बैंक (QNB) को धन्यवाद दिया और कतर के अन्य बैंकों से भी इस सिस्टम को अपनाने की अपील की.
मजबूत मित्र देश हैं भारत और कतर
गोयल ने कहा, भारत और कतर दो मजबूत मित्र देश हैं, जो एक फ्यूचर-रेडी पार्टनरशिप की दिशा में काम कर रहे हैं. साल 2030 तक भारत और कतर के बीच ट्रेड 30 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. कतर में रह रहे 8.3 लाख भारतीयों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी मेहनत और ईमानदारी कतर की तरक्की में अहम भूमिका निभा रही है और यह भारत के लिए गर्व की बात है.
Delighted to launch #UPI at the Lulu Mall in Doha symbolising trust across borders. 🇮🇳🇶🇦 pic.twitter.com/3XU5V5kfp8
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) October 6, 2025
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर बड़ा बयान
इस ऐतिहासिक पल के साथ ही अगले साल भारत और कतर के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट तक हो सकता है. इस बाबत केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि हमारे बीच बातचीत बहुत सकारात्मक हो रही है. अगले वर्ष के मध्य तक या तीसरी तिमाही तक भारत और कतर के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर सहमति बन जाएगी. पेरू, चिली और कुछ दूसरे देशों के साथ भी एफटीए पर बात चल रही है.
बता दें कि केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल 6-7 अक्टूबर तक कतर दौरे पर हैं. यहां उन्होंने व्यापार एवं वाणिज्य पर कतर-भारत संयुक्त आयोग की बैठक की सह-अध्यक्षता की. दोनों पक्षों के बीच द्विपक्षीय व्यापार प्रदर्शन की समीक्षा, मौजूदा व्यापार बाधाओं और गैर-टैरिफ मुद्दों के समाधान और व्यापार एवं निवेश प्रवाह को बढ़ाने के अवसरों की खोज पर व्यापक चर्चा हुई.