
यूरोप अभी भी वैश्विक पर्यटन में सबसे आगे है.
इंटरनेशनल ट्रैवल और टूरिज्म क्षेत्र आने वाले 10 वर्षों में 9.1 करोड़ नई नौकरियां पैदा करेगा. यानी दुनिया में बनने वाली हर तीन नौकरियों में से एक नौकरी इस सेक्टर से होगी. यह जानकारी वर्ल्ड ट्रैवल एंड टूरिज्म काउंसिल (WTTC) की रिपोर्ट में दी गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, अगर जनसांख्यिकीय और संरचनात्मक बदलावों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो इस सेक्टर में 4.3 करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों की कमी हो सकती है. यह रिपोर्ट फ्यूचर ऑफ द ट्रैवल एंड टूरिज्म वर्कफोर्स नाम से जारी की गई है, जिसमें 20 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं पर फोकस किया गया है.
25वें ग्लोबल समिट में जारी हुई रिपोर्ट
WTTC दुनिया भर में यात्रा और पर्यटन उद्योग से जुड़ी नीतियों और उनके आर्थिक-सामाजिक योगदान पर काम करने वाली संस्था है. यह रिपोर्ट हाल ही में रोम में हुए WTTC के 25वें ग्लोबल समिट में जारी की गई. यह रिपोर्ट दुनियाभर में की गई रिसर्ज पर बेस्ड है. जिसमें कंपनियों के सर्वे और संगठन के सदस्यों और प्रमुख हितधारकों के इंटरव्यू शामिल हैं. रिपोर्ट में कहा गया है, 2024 में यात्रा और पर्यटन की मांग अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर रही. इस सेक्टर का GDP योगदान 8.5% बढ़कर 10.9 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर पहुंच गया, जो 2019 के स्तर से 6% अधिक है. इस दौरान 2.07 करोड़ नई नौकरियां बनीं, जिससे कुल रोजगार 357 मिलियन (35.7 करोड़) तक पहुंच गया.
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4.3 करोड़ लोगों की कमी होगी
रिपोर्ट के अनुसार, अगले 10 वर्षों में यह सेक्टर 9.1 करोड़ नई नौकरियां पैदा करेगा, लेकिन 2035 तक इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की मांग और आपूर्ति के बीच 4.3 करोड़ लोगों की कमी हो सकती है, यानी उपलब्ध वर्कफोर्स 16% कम रहेगा. श्रम की यह कमी सभी 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित करेगी. सबसे बड़ी कमी चीन (1.69 करोड़), भारत (1.1 करोड़) और यूरोपीय संघ (64 लाख) में होगी. रिपोर्ट में कहा गया कि यूरोप अभी भी वैश्विक पर्यटन में सबसे आगे है. GDP के आधार पर दुनिया के शीर्ष 10 पर्यटन बाजारों में से 5 यूरोप में हैं. वहीं, मध्य पूर्व सबसे तेजी से बढ़ने वाले क्षेत्रों में से एक बना हुआ है, खासकर सऊदी अरब, जहां विदेशी पर्यटकों का खर्च और इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है.