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नई दिल्ली. पिछले चार दिनों से भारतीय शेयर बाजार में तेजी का सिलसिला जारी है. 4 दिन में ही सेंसेक्स 2.97% या 2190 अंक चढ़कर 76,082.68 पर आ गया है. वहीं निफ्टी 714 अंक या 3.19 फीसदी चढ़कर 23,112.15 पर आ चुका है. इसी तरह बैंक निफ्टी और अन्य इंडेक्स में तेजी आई है. कई एक्सपर्ट को लग रहा है कि ये तेजी ऐसी ही बनी रह सकती है, अगर कोई निगेटिव खबर नहीं आती है तो. हालांकि अभी भी निवेशकों के बीच डर बना हुआ है. आइए जानते हैं वे पांच प्वाइंट, जो मार्केट में तेजी के संकेत दे रहे हैं.
महंगाई में बड़ी कमी
बीते महीने में खुदरा महंगाई कम होकर 7 महीने के न्यूनतम स्तर 3.6 फीसदी पर आ गई है. जो आरबीआई की सीमा से काफी कम है. महंगाई में कमी आने का मतलब खपत में इजाफा होना है. इसके अलावा, लोगों की जेब में ज्यादा पैसा बचेगा, जो मार्केट के लिए अच्छे संकेत दे रहा है. खाद्य महंगाई दर भी जनवरी के मुकाबले 185 बेसिस पॉइंट कम होकर 3.84 फीसदी पर आ गई है. सब्जियों के दाम में भी कमी आई है.
रेपो रेट में हो सकती है कमी
केंद्रीय बैंक महंगाई में कमी होने के साथ ही रेपो रेट में एक बार फिर कटौती कर सकती है, ताकि लोगों को लोन की ब्याज दर कम हो. रेपो रेट में कटौती होने से खपत और कैश फ्लो में भी इजाफा होगा.
इंडस्ट्रीज प्रोडक्शन में इजाफा
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर्स के अच्छे प्रदर्शन से देश के इंडस्ट्रीज प्रोडक्शन (IIP) में इस साल जनवरी में 5 फीसदी की ग्रोथ हुई है. इंडस्ट्रीज प्रोडक्शन इंडेक्स के संदर्भ में मापा जाने वाला औद्योगिक उत्पादन जनवरी, 2024 में 4.2 प्रतिशत बढ़ा था. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सरकार ने दिसंबर, 2024 में 3.2 फीसदी वृद्धि के अस्थायी अनुमान को संशोधित किया है, इसे अब संशोधित कर 3.5 प्रतिशत कर दिया गया है. यह भी मार्केट के लिए एक अच्छा संकेत है.
मजबूत अर्थव्यवस्था
भारत की अर्थव्यवस्था के मजबूत स्थिति में होने का दावा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी SBI की एक रिपोर्ट में किया गया है. इसमें देश के आर्थिक संकेतकों का हवाला देते हुए कहा गया है कि अगर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ब्याज दरों में कटौती करता है तो इससे देश की तरक्की को और सहारा मिल सकता है. इस रिपोर्ट के मुताबिक फरवरी में भारत की अर्थव्यवस्था ने कई मोर्चों पर अच्छा प्रदर्शन किया है.
अमेरिकी डॉलर में गिरावट
अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में गिरावट भी भारतीय शेयर बाजार के लिए अच्छा हो सकती है. ट्रंप सरकार अमेरिका की 10-ईयर ट्रेजरी बॉन्ड यील्ड को कम करने पर जोर दे रही है. अगर डॉलर इंडेक्स में गिरावट आती है, तो इससे भारतीय रुपया मजबूत होगा. जिससे भारत की अर्थव्यवस्था में ग्रोथ और ज्यादा बढ़ जाएगी. इसका पॉजिटिव असर भारतीय शेयर बाजार पर होगा.