शराब के इन 4 शेयरों ने भरी निवेशकों की झोली, इसने तो पैसे को कर दिया 7 गुना!

शराब के इन 4 शेयरों ने भरी निवेशकों की झोली, इसने तो पैसे को कर दिया 7 गुना!

भारत की शराब इंडस्ट्री

भारतीय शेयर बाजार में कई सेक्टर ऐसे हैं, जो अक्सर सुर्खियों में नहीं रहते, लेकिन चुपचाप निवेशकों को जबरदस्त मुनाफा कमाकर देते हैं. पिछले कुछ वर्षों में, ऐसा ही एक सेक्टर रहा है शराब (Alcohol) का कारोबार. भारत में शराब के बिजनेस ने हाल के वर्षों में जो रफ़्तार पकड़ी है, वह वाकई देखने लायक है. इसके पीछे कई बड़े कारण हैं. एक तरफ लोगों की आमदनी बढ़ रही है, सामाजिक सोच में खुलापन आया है और प्रीमियम ब्रांड्स की मांग तेज़ी से बढ़ी है. तो दूसरी तरफ, सरकार की एथेनॉल और बायोफ्यूल नीतियों ने इस इंडस्ट्री के लिए ग्रोथ के नए दरवाजे खोल दिए हैं.

यह ग्रोथ सिर्फ पीने वाली शराब तक सीमित नहीं है, बल्कि बीयर से लेकर स्पिरिट्स और इंडस्ट्रियल अल्कोहल तक, हर सेगमेंट में मौके बढ़ रहे हैं. इसी दमदार ग्रोथ का नतीजा है कि ब्रूअरी (शराब की भठ्ठी) और डिस्टिलरी सेक्टर की कुछ कंपनियों ने पिछले तीन सालों में निवेशकों को 654 फीसदी तक का शानदार रिटर्न देकर बाजार को भी चौंका दिया है.

क्यों ‘हाई’ है शराब कंपनियों का जोश?

भारत का अल्कोहलिक बेवरेज बाजार एक विशाल बाजार है. साल 2021 के आंकड़ों को देखें तो यह करीब 52 अरब डॉलर (लगभग 4,61,708 करोड़ रुपये) का था. अनुमान है कि यह रफ्तार जारी रहेगी और 2030 तक यह बाजार 64 अरब डॉलर के आंकड़े को छू सकता है. लेकिन इस कहानी में एक नया और दमदार मोड़ आया है सरकार की एथेनॉल ब्लेंडिंग पॉलिसी से.

सरकार ने 2025-26 तक पेट्रोल में 20% एथेनॉल मिलाने (E20) का लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर एथेनॉल की जरूरत है, जिसे बनाने का काम यही डिस्टिलरी कंपनियां कर रही हैं. बायोफ्यूल पर बढ़ता ज़ोर इंडस्ट्रियल अल्कोहल की मांग को आसमान पर पहुंचा रहा है. इसका सीधा मतलब है कि इन कंपनियों के पास अब दोहरे मोर्चे पर कमाई का मौका है. पहला, पीने वाले अल्कोहल (Beverage) से और दूसरा, इंडस्ट्रियल अल्कोहल (Ethanol) से. यही वजह है कि निवेशक अब इन स्टॉक्स को लेकर इतने उत्साहित हैं.

छोटे पैकेट का बड़ा धमाका

जब बात मल्टीबैगर रिटर्न की आती है, तो इस लिस्ट में पहला नाम ‘तहमर एंटरप्राइजेज’ (Tahmar Enterprises) का है. यह कंपनी अनाज आधारित स्पेशलिटी उत्पाद बनाती है, जिसमें एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल (ENA), IMFL (भारतीय निर्मित विदेशी शराब) और फार्मा ग्रेड सॉल्वैंट्स शामिल हैं.

महज 188 करोड़ रुपये के मार्केट कैप वाली इस छोटी कंपनी ने पिछले 3 सालों में 654 फीसदी का हैरान कर देने वाला रिटर्न दिया है. यानी निवेश के पैसे को लगभग 7 गुना. हालांकि , निवेशकों के लिए यह जानना भी जरूरी है कि कंपनी फिलहाल वित्तीय रूप से मजबूत नहीं दिख रही. वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही (Q1 FY26) में कंपनी को 1.42 करोड़ रुपये का घाटा हुआ, जबकि उसकी बिक्री 2.08 करोड़ रुपये रही.

इसी कड़ी में दूसरा नाम ‘विंसम ब्रुअरीज’ (Winsome Breweries) का है. राजस्थान के बीयर बाजार में इस कंपनी की लगभग 20 फीसदी हिस्सेदारी है. करीब 80 करोड़ रुपये के मार्केट कैप वाली इस कंपनी ने 3 सालों में 226% का रिटर्न दिया है. इस कंपनी की पहली तिमाही के नतीजे काफी दिलचस्प हैं. Q1 FY26 में इसकी बिक्री 30% घटकर 33 लाख रुपये रह गई, लेकिन कंपनी का मुनाफा 4 लाख रुपये से बढ़कर 25 लाख रुपये पहुंच गया, यानी 525% की उछाल.

‘मैजिक मोमेंट्स’ से ‘8 PM’ तक

छोटे स्टॉक्स के अलावा, इंडस्ट्री के बड़े और स्थापित खिलाड़ियों ने भी निवेशकों को निराश नहीं किया है. ‘रेडिको खेतान’ (Radico Khaitan) भारत की सबसे पुरानी और प्रतिष्ठित स्पिरिट्स कंपनियों में से एक है. ‘8 PM व्हिस्की’, ‘मैजिक मोमेंट्स वोडका’ और ‘रामपुर सिंगल माल्ट’ जैसे इसके पॉपुलर ब्रांड्स न सिर्फ भारत बल्कि 100 से ज्यादा देशों में बिकते हैं.

41,904 करोड़ रुपये के विशाल मार्केट कैप वाली इस कंपनी ने पिछले 3 सालों में 198% का रिटर्न दिया है. कंपनी के हालिया वित्तीय नतीजे (Q2 FY26) भी काफी मजबूत रहे हैं. कंपनी की बिक्री 34% बढ़कर 1,494 करोड़ रुपये हो गई, जबकि नेट प्रॉफिट 69% की जोरदार बढ़त के साथ 139 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.

इस लिस्ट में चौथा नाम ‘एसोसिएटेड अल्कोहल्स एंड ब्रुअरीज लिमिटेड’ (AABL) का है. यह कंपनी स्पिरिट्स, ENA और एथेनॉल, तीनों सेगमेंट में सक्रिय है. मध्य प्रदेश के शराब बाजार में इसकी 20-25 फीसदी हिस्सेदारी है. 2,309 करोड़ रुपये के मार्केट कैप वाली इस कंपनी ने 3 सालों में 162 फीसदी का रिटर्न दिया है. Q1 FY26 में कंपनी का मुनाफा भी 33 फीसदी बढ़कर 18 करोड़ से 24 करोड़ रुपये हो गया, जो एक स्थिर ग्रोथ का संकेत है.

Disclaimer: ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए. TV9 भारतवर्ष अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है.

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