
नीरव मोदी को लेकर सरकार का बड़ा कदम
भारत सरकार भगोड़े नीरव मोदी को भारत लाने की हर कोशिश कर रही है. अब भारत सरकार ने ब्रिटेन को आश्वस्त किया है कि यदि भगोड़े नीरव मोदी का प्रत्यर्पण होता है, तो उसपर सिर्फ कोर्ट में मुकदमा चलाया जाएगा. कोई भी एजेंसी उससे पूछताछ नहीं करेगी और न ही उसे दोबारा हिरासत में लिया जाएगा. सरकार ने इसको लेकर ब्रिटेन को एक चिट्ठी लिखी है.
भगोड़े नीरव मोदी पर हजारों करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप हैं. उसके मामले में भारत सरकार ने ब्रिटेन को साफ संदेश भेज दिया है. भारत ने लंदन की सरकार और कोर्ट को भरोसा दिलाया है कि भारत की पांच बड़ी एजेंसियों सीबीआई , ईडी, एसएफआईओ कस्टम और इनकम टैक्स विभाग ने उससे पूछताछ नहीं करेंगी.
इसको लेकर लेटर ऑफ अश्योरेंस यानी लिखित गारंटी दी गई है. इसमें कहा गया है कि नीरव मोदी पर सिर्फ वही केस चलेंगे जो पहले से दर्ज हैं. धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े केस पहले से दर्ज हैं.
नीरव ने लिया था कोर्ट का सहारा
नीरव मोदी ने लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में अपील की थी. उसने दावा किया था कि अगर उसे भारत भेजा गया तो कई एजेंसियां मिलकर उससे पूछताछ करेंगी और जेल में उसे टॉर्चर झेलना पड़ेगा. इस पर भारत ने साफ किया कि उसे सिर्फ कोर्ट ट्रायल फेस करना होगा, किसी एजेंसी द्वारा पूछताछ नहीं होगी.
नीरव मोदी को किस जेल में रखा जाएगा?
भारत सरकार ने अपने पत्र में नीरव मोदी की सुरक्षा और रहने की जगह का भी ज़िक्र किया है. उसे मुंबई की आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा. यह बैरक खासतौर पर हाई-प्रोफाइल कैदियों के लिए बनाई गई है. यहां सामान्य कैदियों से अलग रखा जाता है और यूरोपियन मानकों के हिसाब से जरूरी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं.
अगले महीने सुनवाई में हो सकता है फैसला
अधिकारियों को भरोसा है कि भारत के इस लिखित आश्वासन के बाद नीरव मोदी की अपील खारिज हो जाएगी. 23 नवंबर को इस मामले की सुनवाई होनी है, और संभावना है कि उसी दिन नीरव मोदी का दावा खारिज कर दिया जाएगा. नीरव मोदी पर करीब 13,000 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले का आरोप है. ईडी और सीबीआई अब तक उसकी हजारों करोड़ की संपत्तियां जब्त कर चुकी हैं. भारत सरकार नीरव मोदी को जल्द से जल्द वापस लाना चाहती है ताकि उस पर भारत में मुकदमा चल सके.