
तेजस लड़ाकू विमान
भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान एलसीए तेजस MK-1A को और गति देने के लिए बड़ा अपडेट आया है. हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को अमेरिका की GE एयरोस्पेस से चौथा GE-F404-IN20 इंजन मिल गया है.
ये इंजन तेजस विमानों के लिए बेहद अहम हैं, क्योंकि इन्हीं से वायुसेना में शामिल होने वाले नए तेजस बेड़े को ताकत मिलेगी.
धीरे-धीरे बढ़ रही डिलीवरी
सितंबर में तीसरे इंजन की डिलीवरी के बाद अब चौथा इंजन HAL को मिला है. यहां 2021 में साइन हुए $716 मिलियन (करीब ₹6,000 करोड़) के कॉन्ट्रैक्ट के तहत कुल 99 इंजन भारत को मिलेंगे. शुरुआत में सप्लाई चेन दिक्कतों, खासकर दक्षिण कोरिया के सप्लायर की देरी के कारण इंजन डिलीवरी रुकी हुई थी. अब सप्लाई फिर से पटरी पर आ गई है और मार्च 2025 तक डिलीवरी का काम पूरा करने का लक्ष्य है.
तेजस बेड़े की तैयारी
HAL का कहना है कि इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 12 इंजन मिल जाएंगे. इससे न सिर्फ फ्लाइट टेस्ट बल्कि वायुसेना को दिए जाने वाले शुरुआती बैच का उत्पादन भी जारी रहेगा. भारतीय वायुसेना ने पहले ही 83 तेजस MK-1A लड़ाकू विमानों का ऑर्डर दिया है. इसके अलावा 97 और विमानों का प्रस्ताव मंज़ूरी के अंतिम चरण में है. लंबी अवधि में वायुसेना को कुल 352 तेजस (MK-1A और MK-2 वर्जन) की ज़रूरत होगी.
2026 से बढ़ेगी उत्पादन क्षमता
HAL की योजना है कि इंजन सप्लाई स्थिर होते ही विमान उत्पादन तेज़ होगा. 2026-27 से हर साल 30 विमान बनाने की क्षमता तैयार की जा रही है. इसके लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र दोनों कंपनियां मिलकर काम करेंगी.
देशी लड़ाकू विमान को बढ़ावा
यह पूरी योजना भारत के आत्मनिर्भर भारत मिशन का हिस्सा है. इंजन की समय पर उपलब्धता से HAL को तेजस के उत्पादन और परीक्षण शेड्यूल पर बिना किसी देरी के काम पूरा करने में मदद मिलेगी.
भारतीय वायु सेना का लक्ष्य कुल 352 तेजस विमानों को शामिल करना है, जिसमें मार्क 1ए और मार्क 2 दोनों वेरिएंट शामिल हैं. नियमित इंजन आपूर्ति और उत्पादन कार्यक्रम के साथ तेजस कार्यक्रम भारत की स्वदेशी लड़ाकू विमान क्षमताओं को मजबूत करता जा रहा है, ताकि रक्षा तैयारियों को बढ़ाया जा सके.