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नई दिल्ली। Grandmaster Nodirbesk Yakubboev: भारत में जहां स्त्री को मां दुर्गा, मां लक्ष्मी और सरस्वती मां का रूप माना जाता है, तो वहीं अफगानिस्तान, पाकिस्तान, जैसे देशों में महिलाओं पर काफी सख्ती बर्ती जाती है।
तालिबान सरकार वाली अफगानिस्तान में महिलाएं को बिना चेहरा ढके सार्वजनिक स्थानों पर जाने की इज्जात नहीं हैं, लेकिन यहीं भारत में देखा जाए तो नारियों को हर एक सम्मान दिया जाता है। हर क्षेत्र में नारी आगे बढ़कर योगदान दे रही हैं और पुरुषों के कंधे से कंधे मिलाकर देश का नाम रोशन कर रही है।
इस बीच भारत की बेटी को दूसरे देश में अगर सम्मान नहीं दिया जाए, तो इससे विवाद होना लाजमी है। एक वीडियो हाल ही में सामने आया है, जिसमें भारत की एक बेटी ग्रैंडमास्टर आर. वैशाली को अपमान झेलना पड़ा।
दरअसल, ग्रैंडमास्टर नोडिरबेक याकूबोव के भारत की ग्रैंडमास्टर आर. वैशाली से हाथ मिलाने से इनकार करने पर टाटा स्टील शतरंज टूर्नामेंट में विवाद खड़ा हो गया। इस मामले पर उन्होंने बाद में माफी मांगते हुए सफाई भी दी।
उन्होंने एक्स पर लिखा कि उनका कोई मैं अपनी सिचुवेशन को एक्सप्लेन करना चाहता हूं। मेरा कोई इराद नहीं था, लेकिन सभी महिलाओं और भारतीय चेस प्लेयर के प्रति सम्मान को लेकर मैं ये बताना चाहता हूं कि मैं हर दूसरे देश की महिलाओं के साथ सिर्फ धार्मिक कारणों के चलते हाथ नहीं मिलाता।
सोशल मीडिया पर चेसबेस इंडिया द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में, वैशाली को चौथे दौर के मुकाबले की शुरुआत से पहले याकूबोव के खिलाफ अपना हाथ बढ़ाते हुए देखा जा सकता है, लेकिन याकूबोव ने उनसे हाथ नहीं मिलाया और वह बैठ गए। इस दौरान भारतीय खिलाड़ी असहज महसूस कर रहे थे।
A renowned Uzbek chess Grandmaster, Nodirbek, refused to shake hands with India’s Women’s Grandmaster Vaishali.
Does religion influence sports? However, he was seen shaking hands with other female players earlier. pic.twitter.com/fGR61wvwUP
— Ayushh (@ayushh_it_is) January 27, 2025
याकूबबोव ने मांगी माफी
बता दें कि याकूबबोव मुस्लिम हैं और उन्होंने ये जानकारी दी है कि वह धार्मिक कारणों से दूसरे महिला खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाते हैं। इसके साथ ही उन्होंने एक्स पर एक और ट्वीट करते हुए लिखा कि मैंने पहले जो किया (2023 में दिव्या के साथ खेल और उस तरह के मामलों का जिक्र करते हुए) मैं इसे अपने लिए गलत मानता हूं। मैं वही करता हूं जो मुझे करना चाहिए। मैं दूसरों से विपरीत लिंग के साथ हाथ न मिलाने या महिलाओं से हिजाब या बुर्का पहनने पर जोर नहीं देता। यह उनका काम है कि वे क्या करें।
उन्होंने लिखा कि मैं वैशाली और उसके भाई का भारत के सबसे मजबूत शतरंज खिलाड़ियों के रूप में सम्मान करता हूं। अगर मैंने अपने व्यवहार से उसे नाराज किया है, तो मैं माफी मांगता हूं। मेरे पास कुछ अतिरिक्त स्पष्टीकरण हैं: 1. शतरंज हराम नहीं है।
वैशाली ने उज्बेक खिलाड़ी को हराकर लिया अपने अपमान का बदला
वैशाली ने उज्बेक खिलाड़ी को हराने के बाद अपना हाथ नहीं बढ़ाया। आठ राउंड के बाद भारतीय खिलाड़ी के चार अंक हैं और पांच राउंड और होने बाकी हैं।