
Marriage Rituals : भारत में शादी सिर्फ दो लोगों का नहीं, बल्कि दो परिवारों का मेल मानी जाती है. खासतौर से हिन्दू धर्म में शादी से पहले कुछ नियम और बातें जरूर देखी जाती हैं. उन्हीं में से एक है गोत्र. कहा जाता है कि एक ही गोत्र के लड़का और लड़की की शादी नहीं करनी चाहिए. ऐसा करने से संतान से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं. इसलिए शादी से पहले गोत्र मिलाया जाता है. लेकिन अगर किसी को अपना या अपने पार्टनर का गोत्र ही नहीं पता हो, तो फिर क्या किया जाए? आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.
दरअसल, कई बार ऐसे हालात बन जाते हैं जब परिवार में गोत्र की जानकारी नहीं होती या बच्चा बहुत छोटे परिवार में पला बढ़ा हो, जहां इस बारे में कभी बताया ही नहीं गया. कुछ मामलों में यह भी देखने को मिलता है कि लड़का या लड़की विदेश में पले बढ़े हों और वहां गोत्र की बात कभी उठी ही न हो. ऐसे में शादी रुक जाती है या चिंता का कारण बन जाती है.
क्या करना होगा?
1. सबसे पहले किसी अच्छे पंडित या ज्योतिषी को अपनी कुंडली दिखाएं.
2. कुंडली देखकर उस अक्षर को जानें जिससे आपके जीवन में असर डालने वाला ग्रह जुड़ा है.
3. उस अक्षर से एक नया नाम बनाएं. ध्यान रहे, ये नाम सिर्फ विधि के लिए होगा, आपको अपना असली नाम नहीं बदलना है.
4. अब उस नए नाम से जुड़े ग्रह और ऋषि को जानें. वही ऋषि आपका गोत्र माने जाएंगे.
उदाहरण:
अगर नए नाम के अनुसार आपके ग्रह ऋषि ‘कश्यप’ निकलते हैं, तो आपका गोत्र ‘कश्यप’ माना जाएगा.
दोष दूर करने का उपाय
अगर आपको संतान दोष की चिंता है, तो उसके लिए भी उपाय बताया गया है. आप संतान गणपति स्तोत्र का पाठ करें.
-हर बुधवार को 51 बार स्तोत्र का पाठ करें.
-ऐसा लगातार 51 बुधवार तक करना होगा.
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-अगर आप विदेश में रहते हैं और हवन करवाना संभव नहीं है, तो ये पाठ आपके लिए काफी लाभदायक होगा. इस विधि को अपनाकर आप बिना किसी भ्रम या चिंता के शादी कर सकते हैं. न तो कोई गोत्र की बाधा आएगी और न ही संतान से जुड़ी कोई चिंता होगी.