
Kalash Visarjan kab hai: 9 दिन का नवरात्रि महापर्व समाप्त हो रहा है. 1 अक्टूबर को महानवमी है और इसी दिन से नवरात्रि समाप्त होती हैं. वहीं दशमी को नवरात्रि के कलश का विसर्जन होता है. इस साल कलश विसर्जन 2 अक्टूबर को होगा. दरअसल, नवरात्रि के पहले दिन घरों में घटस्थापना करके जवारे बोए जाते हैं और अखंड ज्योति जलाई जाती है. दशमी के दिन यही जवारे विसर्जित किए जाते हैं. साथ ही अखंड ज्योति का भी समापन होता है. नवरात्रि का ये कलश, जवारे और कलश पर रखा नारियल कई संकेत देता है. जानिए ये शुभ-अशुभ संकेत –
कलश, जवारे के शुभ-अशुभ संकेत
नारियल का चटकना – कलश विसर्जन से पहले कलश पर स्थापित नारियल को फोड़ कर देवी को समर्पित किया जाता है. यदि नारियल 9 दिन में रखा-रखा अपने आप चटक जाए तो इसे अच्छा नहीं माना जाता है. यह पितरों के नाराज होने का संकेत हो सकता है. कुछ लोग मानते हैं घर की नकारात्मकता को नारियल ने अपने ऊपर ले लिया है इसलिए चटक गया है.
नारियल का खराब निकलना – यदि कलश पर रखा नारियल खराब निकले, अंदर गरी में फफूंदी लगे मिले या खराब निकले तो इसे भी अच्छा नहीं माना जाता है. ऐसे नारियल को जल में प्रवाहित कर देना चाहिए.
नारियल का पानी सूखना – यदि नारियल का पानी सूख जाए और गरी खाने लायक हो तो यह सामान्य है. वहीं नारियल एकदम ताजा और पानी वाला ही और मीठा निकले तो यह आने वाले दिनों में सुनहरे दिन आने का संकेत है. माता ने आपकी पूजा स्वीकार की और अब कृपा करेंगी.
जवारे बड़े और हरे होना – नवरात्रि के जवारे का लंबा और हरा-भरा होना बेहद शुभ संकेत है. यह घर में सुख-समृद्धि बढ़ने का प्रतीक है. वहीं जवारों का पीला पड़ना या आधा हरा और आधा पीला होना बताता है कि समय मिला-जुला रहेगा. आने वाले समय में कभी खुशहाली रहेगी तो कभी परेशानियां आएंगी. भले ही जवारे ज्यादा लंबे ना हों लेकिन उनका रंग सफेद या हरा रहे तो यह भी अच्छा संकेत है. केवल पीले रंग के जवारे भी शुभ माने गए हैं. घर की स्थिति अच्छी बनी रहेगी. वहां जवारों का सड़ना या सूख जाना अनष्टि की आशंका को जन्म देता है.
कलश का पानी – यदि कलश का पानी सूख जाए तो यह बताता है कि आर्थिक नुकसान या तंगी झेलनी पड़ सकती है. वहीं कलश में पानी बचा रहे और खराब ना हो तो यह अपार सुख-समृद्धि, सौभाग्य और अच्छी सेहत का संकेत है.
बचाव के उपाय
यदि कलश, नारियल या जवारे अशुभ संकेत दें तो भगवान से संकटों से बचाने की प्रार्थना करें. अपनी गलतियों के लिए माफी मांगें. मंत्र जाप करें और सकारात्मक रहने का प्रयास करें.