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कैंसर के मरीजों की संख्या पिछले कुछ सालों में बहुत तेजी से बढ़ रही है. हालांकि इसका एक आम कारण प्रोसेस्ड और मिलावट वाले फूड्स का अधिक सेवन है. शहर हो या गांव कहीं भी आज के समय में खाने की शुद्धता की गारंटी नहीं दी जा सकती है. लेकिन फिर भी फूड्स कैंसर होने का सबसे बड़ा कारण नहीं है.
एक पॉडकास्ट में डॉ. शैलेश पुणतांबेकर, लेप्रोस्कोपिक ऑनकोसर्जन ने कैंसर के बढ़ते मामलों के बारे में बात करते हुए बताते है कि हर फूड में कुछ न कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो कैंसर के रिस्क को बढ़ाते हैं, लेकिन इसके डर से खाना नहीं छोड़ सकते हैं. कई लोग जंक फूड खाने के बावजूद हेल्दी रहते हैं.
कैंसर होने का सबसे बड़ा कारण- स्ट्रेस
एक्सपर्ट बताते हैं कि आज के समय में कैंसर होने का सबसे बड़ा कारण है स्ट्रेस. करियर, पैसा कमाने का प्रेशर बहुत ज्यादा है. जिसके कारण हेल्दी फूड्स और अच्छा लाइफस्टाइल फॉलो करने के बाद भी लोग कैंसर का शिकार हो रहे हैं.
कैंसर और स्ट्रेस का कनेक्शन
केनेडियन कैंसर सोसायटी के अनुसार, तनाव के कारण शरीर में कुछ हार्मोन के स्तर में बदलाव होते हैं, जो कैंसर के खतरे कोई गुना तक बढ़ा देते हैं. इसके साथ ही स्ट्रेस के कारण व्यक्ति ओवरईटिंग, स्मोकिंग, अल्कोहल का सेवन करने के लिए मोटिवेट होता है, जो कैंसर के रिस्क को कई गुना तक बढ़ा देते हैं.
स्ट्रेस से बचने के उपाय
एक्सपर्ट की मानें तो स्ट्रेस से बचाव के लिए पावर योग, या 15 मिनट मेडिटेशन काफी नहीं है. स्ट्रेस तब तक कम नहीं होगा जब तक आप अपनी लाइफ में संतुष्ट नहीं महसूस कर रहे हैं. ऐसे में स्ट्रेस को कम करने के लिए खुशियों पर फोकस करना बहुत जरूरी है.
स्ट्रेस के ये लक्षण बना देंगे कैंसर ट्यूमर
यदि आप लंबे समय से अकारण शरीर में दर्द, तकलीफ, अनिद्रा, सामाजिक व्यवहार में बदलाव, कम ऊर्जा, फोकस करने में दिक्कत, भूख में बदलाव. शराब या नशीली दवाओं का ज्यादा उपयोग, इमोशनली बदलावों का अनुभव कर रहे हैं, तो तुरंत इसके लिए किसी एक्सपर्ट से मिलें. यह क्रॉनिक स्ट्रेस के लक्षण हो सकते हैं जो आपके लिए कैंसर के खतरे को डबल कर सकते हैं.