टांगीनाथ धाम का रहस्य:˒ भगवान परशुराम का फरसा, जिसे 3 क्रेन भी नहीं हिला पाईं

टांगीनाथ धाम का रहस्य:˒ भगवान परशुराम का फरसा, जिसे 3 क्रेन भी नहीं हिला पाईं

झारखंड के गुमला जिले में एक पहाड़ी पर स्थित टांगीनाथ धाम आस्था और रहस्य का अनोखा संगम है। यहां के बारे में दावा किया जाता है कि एक मंदिर में भगवान परशुराम का फरसा गड़ा हुआ है, जिसे न तो कोई हटा पाया है और न ही उसमें आज तक जंग लगी है, भले ही वह खुले आसमान के नीचे पड़ा हो।


फरसे से छेड़छाड़ और उसका परिणाम

  • स्थानीय लोगों के अनुसार, एक बार एक लोहार ने इस फरसे को चोरी करने की कोशिश की थी।
  • चोरी असफल रही, और कुछ समय बाद उसकी मृत्यु हो गई।
  • कहा जाता है, जो भी इस फरसे से छेड़छाड़ करता है, उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है।

लोहार जाति की घटना और डर

  • जंग न लगने की विशेषता से प्रभावित होकर लोहार जाति के कुछ लोगों ने इसे उखाड़ने की कोशिश की थी।
  • असफल रहने पर उन्होंने फरसे का ऊपरी हिस्सा काट दिया, लेकिन वह भी साथ नहीं ले जा सके।
  • इसके बाद लोहार जाति के लोगों में लगातार मृत्यु की घटनाएं होने लगीं।
  • डर के कारण उन्होंने इस धाम के आसपास रहना छोड़ दिया, और आज भी वे यहां फटकने से कतराते हैं।

सैकड़ों शिवलिंग और प्राचीन प्रतिमाएं

  • टांगीनाथ धाम में खुले आसमान के नीचे सैकड़ों शिवलिंग और प्राचीन मूर्तियां पड़ी हैं।
  • इन प्रतिमाओं की बनावट उत्कल के भुवनेश्वर, मुक्तेश्वर और गौरी केदार के मंदिरों से मेल खाती है।

1989 की पुरातात्विक खुदाई

  • 1989 में पुरातत्व विभाग ने यहां उत्खनन कराया था।
  • खुदाई से सोने-चांदी के आभूषण, हीरा जड़ित मुकुट, चांदी के सिक्के, सोने के कड़े-बालियां और तांबे की टिफिन (जिसमें काला तिल और चावल रखा था) जैसी कई कीमती वस्तुएं मिलीं।
  • इन सभी वस्तुओं को डुमरी थाना के मालखाने में रखा गया है।

रहस्य आज भी बरकरार

  • खुदाई अचानक बंद कर दी गई थी, और इसके पीछे के कारण अब तक रहस्य बने हुए हैं।
  • मालखाने में पड़ी इन ऐतिहासिक धरोहरों का भविष्य आज भी अज्ञात है।

🌟 निष्कर्ष:
टांगीनाथ धाम सिर्फ एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि भारत की उन रहस्यमयी धरोहरों में से है, जिनकी कहानी आस्था, इतिहास और अद्भुत चमत्कारों से जुड़ी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *