
REITs एक तरह का रियल एस्टेट म्यूचुअल फंड हैं
भारत के बड़े-बड़े शहरों में चमचमाते मॉल, आलीशान ऑफिस बिल्डिंग और विशाल कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में अब आप 500रुपये की छोटी सी रकम से प्रॉपर्टीज में पार्टनर बन सकते हैं. इस कमाल के रास्ते का नाम है रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट, जिसे REIT (रीट) कहते हैं. इसके जरिए अब प्रॉपर्टी खरीदने, लोन लेने या रखरखाव की कोई भी झंझट पाले बिना आप बड़ी रियल एस्टेट संपत्तियों से होने वाली कमाई का सीधा फायदा उठा सकते हैं.
क्या है ये REIT?
REIT को आप आसान भाषा में रियल एस्टेट की दुनिया का म्यूचुअल फंड समझ सकते हैं. जिस तरह एक म्यूचुअल फंड में आपका पैसा अलग-अलग कंपनियों के शेयरों में लगाया जाता है, ठीक उसी तरह REIT में हजारों निवेशकों का पैसा इकट्ठा करके उसे बड़ी और मुनाफा देने वाली कमर्शियल प्रॉपर्टीज में निवेश किया जाता है. ये संपत्तियां कोई छोटी-मोटी दुकानें नहीं, बल्कि बड़े-बड़े ऑफिस पार्क, शॉपिंग मॉल और लॉजिस्टिक्स हब होते हैं, जिन्हें देश और दुनिया की नामी-गिरामी कंपनियों को किराए पर दिया जाता है.
इस पूरे निवेश को प्रोफेशनल्स की एक टीम मैनेज करती है, जिनका काम होता है सही प्रॉपर्टी की पहचान करना, उसे खरीदना और उससे लगातार अच्छी आय सुनिश्चित करना. निवेशकों को सिर्फ पैसा लगाना होता है, बाकी सारा सिरदर्द मैनेजमेंट टीम का होता है.
कैसे होती है कमाई?
REIT में निवेशकों को दोहरा फायदा मिलता है. पहला और सबसे बड़ा फायदा है नियमित आय. इन बड़ी-बड़ी प्रॉपर्टीज से हर महीने जो किराया आता है, उसका एक बड़ा हिस्सा निवेशकों को दिया जाता है. बाजार नियामक SEBI का एक सख्त नियम है कि हर REIT को अपनी कुल कर-योग्य आय का कम से कम 90% हिस्सा हर छह महीने में निवेशकों को डिविडेंड (लाभांश) के रूप में बांटना ही होगा. यह नियम इसे एक स्थिर और भरोसेमंद आय का जरिया बनाता है.
दूसरा फायदा है कैपिटल गेन, यानी प्रॉपर्टी की कीमत में बढ़ोतरी का लाभ. जैसे-जैसे समय के साथ प्रॉपर्टी की वैल्यू बढ़ती है, वैसे-वैसे आपके निवेश का मूल्य भी बढ़ता है. जब आप अपनी यूनिट्स बेचते हैं, तो आपको यह बढ़ा हुआ मूल्य मिलता है.
कम पैसा, बड़ा मुनाफा
जानकारों का कहना है कि रियल एस्टेट में सीधे निवेश के मुकाबले REIT कई मायनों में बेहतर और सुरक्षित विकल्प बनकर उभरा है. सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप बहुत कम रकम, जैसे कि कुछ सौ या हजार रुपये से, उन बड़े प्रोजेक्ट्स का हिस्सा बन सकते हैं, जिन्हें खरीदने के लिए करोड़ों रुपये चाहिए.
इसके अलावा, इसे खरीदना और बेचना किसी शेयर की तरह ही आसान है. ये स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड होते हैं, यानी आप जब चाहें अपने मोबाइल से इनकी यूनिट्स खरीद सकते हैं और जब चाहें बेच सकते हैं. आपको ग्राहक ढूंढने या रजिस्ट्री ऑफिस के चक्कर काटने की कोई जरूरत नहीं. यह आपके निवेश पोर्टफोलियो को विविधता भी देता है, क्योंकि इसमें शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव का सीधा और बहुत ज्यादा असर नहीं होता.
भारत में कौन से REIT करा रहे हैं कमाई?
दुनिया भर में REIT का मॉडल दशकों से सफल रहा है, लेकिन भारत में इसकी शुरुआत थोड़ी देर से हुई. देश का पहला REIT, एम्बेसी ऑफिस पार्क्स REIT, मार्च 2019 में लॉन्च हुआ था. इसके बाद माइंडस्पेस बिजनेस पार्क्स REIT और ब्रुकफील्ड इंडिया रियल एस्टेट ट्रस्ट जैसे विकल्प भी बाजार में आए. हाल ही में, 2023 में नेक्सस सेलेक्ट ट्रस्ट के आने से निवेशकों के पास अब कुल चार विकल्प मौजूद हैं.
मौजूदा REITs और उनकी कीमतें (1 अक्टूबर 2025 तक)
- एम्बेसी ऑफिस पार्क्स REIT: ₹423.80
- माइंडस्पेस बिजनेस पार्क्स REIT: ₹459.20
- ब्रुकफील्ड इंडिया रियल एस्टेट ट्रस्ट: ₹349.40
- नेक्सस सेलेक्ट ट्रस्ट: ₹165.90