रिटायरमेंट के अगले दिन फिर से जॉइनिंग! बिहार में मास्टर साहब की ‘सेटिंग’ से अफसरों के छूट रहे पसीने “ ‧‧ .

रिटायरमेंट के अगले दिन फिर से जॉइनिंग! बिहार में मास्टर साहब की ‘सेटिंग’ से अफसरों के छूट रहे पसीने “ ‧‧ .
Joining again the day after retirement! Officers in Bihar are sweating due to Master Sahab’s ‘setting’

बिहार के अररिया जिले में एक शिक्षक ने रिटायरमेंट के अगले ही दिन नई नौकरी जॉइन कर ली। मोहम्मद जलालुद्दीन नाम के इस शिक्षक को 31 दिसंबर 2024 को रिटायर होना था, लेकिन 1 जनवरी 2025 को उन्होंने विशिष्ट शिक्षक (Special Teacher) के रूप में फिर से योगदान दे दिया। यह मामला कुर्साकांटा प्रखंड के मध्य विद्यालय रहटमीना का है। शिक्षा विभाग के अधिकारी इस घटना से सकते में हैं और हेडमास्टर से जवाब मांगा गया है। शक है कि इस मामले में किसी और की भी मिलीभगत हो सकती है।

रिटायरमेंट के अगले दिन जॉइनिंग

दरअसल, मोहम्मद जलालुद्दीन 2006 से शारीरिक शिक्षक के पद पर कार्यरत थे। उनकी जन्मतिथि 1 जनवरी 1965 है, इसलिए नियमों के अनुसार उन्हें 31 दिसंबर 2024 को रिटायर हो जाना चाहिए था। हालांकि, उन्होंने रिटायरमेंट के बाद विशिष्ट शिक्षक के पद पर फिर से जॉइन कर लिया। यह मामला सामने आते ही शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। स्थापना डीपीओ रवि रंजन ने जलालुद्दीन का योगदान रद्द कर दिया है और प्रधानाध्यापक से स्पष्टीकरण मांगा है।

डीपीओ रवि रंजन ने प्रधानाध्यापक से पूछा है कि रिटायर हो चुके शिक्षक को दोबारा नियुक्ति कैसे दी गई? अगर संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को ऐसे मामलों की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। माना जा रहा है कि इस मामले में एक ऐसे शिक्षक की मिलीभगत है, जो लंबे समय से जिला कार्यालय में प्रतिनियुक्त था।

मास्टर साहब की सेटिंग से अफसर हैरान

इस मामले में कई सवाल उठ रहे हैं। जैसे कि, किसकी मदद से जलालुद्दीन ने दोबारा योगदान दिया? उनका मकसद क्या था? क्या इसके पीछे कोई गिरोह काम कर रहा है? क्या जिले में और भी ऐसे मामले हैं? नियुक्ति पत्र कैसे जारी हुआ? बीपीएम और बीईओ क्या कर रहे थे? विशिष्ट शिक्षकों के कागजात डीईओ कार्यालय में जमा करने के आदेश थे, फिर भी वहां ठीक से जांच क्यों नहीं हुई? ऐसा लग रहा है कि तीनों स्तर पर लापरवाही हुई है। शिक्षक संघ ने इस मामले की गंभीरता से जांच और कार्रवाई की मांग की है।

स्थापना डीपीओ रवि रंजन ने बताया, ’31 दिसंबर को सेवानिवृत हो चुके शारीरिक शिक्षक मो. जलालुद्दीन के एक जनवरी को विशिष्ट शिक्षक के रूप में योगदान देने का मामला सामने आया। तत्काल योगदान अस्वीकृत करते हुए प्रभारी प्रधानाध्यापक से जवाब मांगा गया है। इस मामले में अन्य दोषियों की पहचान की जा रही है। सभी पर कार्रवाई होगी।’ ये घटना बेहद अजीबोगरीब है। कोई व्यक्ति रिटायरमेंट के अगले ही दिन कैसे नौकरी जॉइन कर सकता है? यह साफ तौर पर नियमों का उल्लंघन है। इस मामले में कई लोगों की मिलीभगत का शक है।

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