
झांसी: वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन से एक महिला के गायब हो जाने का मामला सामने आया है। महिला के पति ने प्लैटफॉर्म नंबर 3 से अपनी पत्नी के अगवा किए जाने की आशंका जताई तो महिला यात्री सुरक्षा की परतें फिर खुल गई। यह रेल सुरक्षा पर सवालिया निशान लगाने वाली बीते 6 महीने में एक ही प्लैटफॉर्म पर हुई दूसरी घटना है। इससे कुछ माह पहले इटावा की एक युवती अपने प्रेमी के साथ झांसी से वापस उरई जाने के लिए स्टेशन पहुंची थी। इसी बीच कथित आरपीएफ इन्स्पेक्टर उसे अगवा कर ले गया था। इसके अगले दिन युवती बदहवास हालत में थाना नवाबाद क्षेत्र में मिली थी।
तथाकथित आरपीएफ इंस्पेक्टर कौन था
तब से लेकर अब तक पुलिस युवती को अगवा कर ले जाने वाले का पता नहीं लगा सकी। यहां हैरत की बात यह है कि युवती को ले जाता कथित आरपीएफ इंस्पेक्टर कहां से आया और कहां गया, आरपीएफ के सीसीटीवी कैमरे उसे मात्र 7 सेकंड के लिए ही कैद कर पाए थे। वह कौन था, यह राज आज भी बरकरार है। होने की आशंका पर आरपीएफ से सम्पर्क किया, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लग सका। पति के कहे अनुसार जिस स्थान पर पत्नी को होना चाहिए था। वहां सीसीटीवी कैमरा भी नहीं है। ऐसे में अब जीआरपी के लिए विवाहिता को ढूंढना और भी मुश्किल हो रहा है।
6 साल पहले हुई थी शादी
जालौन जिले के ग्राम उदयपुरा का रहने वाला कमलजीत सिंह अपने परिवार के साथ गांव मे रहकर खेत पर मजदूरी करता है। कमलजीत का विवाह 6 वर्ष पहले 2017 में धनबाद जिले के मुरायडी न्यू कॉलोनी की पुष्पा कुमारी से हुआ था। दोनों का एक सवा साल का बेटा भी है। कमलजीत ने बताया कि धनबाद में उसकी साली का विवाह 28 अप्रैल को था। पिता की बीमारी के चलते वह विवाह में नहीं गया और पत्नी को उसने 24 अप्रैल को विवाह में शामिल होने के लिए मायके भेज दिया था। सवा साल का बेटा पिता से अधिक जुड़ाव रखता है, इसलिए वह भी पिता के पास जालौन में रह गया। कमलजीत का कहना है कि पिता की हालत अधिक खराब होने के चलते उसने पत्नी को वापस बुलाया था।
पुष्पा ने कहा कुछ देर बाद झांसी पहुंच जाएगी
बुधवार को पुष्पा से बात हुई तो वह हावड़ा-ग्वालियर चंबल एक्सप्रेस (12175) के जनरल कोच में सवार होकर झांसी के लिए चल दी थी। पुष्पा से उसकी बात गुरुवार को हुई तो उसने बताया कि वह कुछ घंटे बाद झांसी पहुंच जाएगी। इसके बाद कमलजीत उसे लेने अपने बेटे के साथ झांसी पहुंच गया। यहाँ से प्लेटफार्म नंबर 1 पर स्टॉल संचालक के फोन से उसने पत्नी को एक बार फिर कॉल किया तो उसने बताया कि वह प्लैटफॉर्म नंबर 3 पर उसकी प्रतीक्षा कर रही है।
कमलजीत के पास नहीं था फोन
कमलजीत का कहना है,उसके पास मोबाइल फोन नहीं था। उसने पत्नी से पुल पर आने को कहा ताकि वह उसे आसानी से ढूंढ सकें। इसके बाद वह भी बच्चे को लेकर पुल की ओर बढ़ गया। यहां काफी देर प्रतीक्षा करने पर भी पुष्पा नहीं आई तो वह उसे ढूंढने प्लेटफार्म नंबर 3 पर गया, लेकिन पुष्पा का कोई अता-पता नहीं था। यहां कमलजीत ने फिर दूसरे से मोबाइल मांग कर कॉल किया तो पत्नी का नम्बर बन्द आ रहा था। इधर-उधर भटकने के बाद भी कई घंटे पत्नी की कोई जानकारी नहीं हुई तो कमलजीत सीधे आरपीएफ थाने जा पहुंचा। यहां पर उसने सीसीटीवी कैमरा की फुटेज में पत्नी को ढूंढने का प्रयास किया, लेकिन ट्रेन का जनरल कोच जहां आया था, सीसीटीवी कैमरा वहां तक कवर ही नहीं कर रहा था। चारों तरफ हाथ-पांव मारने के 20 घंटे बाद भी पुष्पा का कोई सुराग नहीं लग सका है। युवक की सूचना पर अब जीआरपी उसकी पत्नी की तलाश करने में जुटी है।
6 महीने में हुई दूसरी घटना
झांसी के प्लेटफार्म नंबर 3 पर ऐसी घटना पहले भी हो चुकी है। रेल सुरक्षा पर सवालिया निशान लगाने वाली बीते 6 माह में एक ही प्लैटफॉर्म पर हुई दूसरी घटना है। इससे कुछ माह पहले इटावा की एक युवती अपने प्रेमी के साथ झांसी से वापस उरई जाने के लिए स्टेशन पहुंची थी। इसी बीच कथित आरपीएफ इन्स्पेक्टर उसे अगवा कर ले गया था। इसके अगले दिन युवती बदहवास हालत में थाना नवाबाद क्षेत्र में मिली थी। तब से लेकर अब तक पुलिस युवती को अगवा कर ले जाने वाले का पता नहीं लगा सकी। यहाँ हैरत की बात यह है कि युवती को ले जाता कथित आरपीएफ इंस्पेक्टर कहां से आया और कहां गया, आरपीएफ के सीसीटीवी कैमरे उसे मात्र 7 सैकिण्ड के लिए ही कैद कर पाए थे। वह कौन था, यह राज आज भी बरकरार है।