सरकारी कर्मचारियों की सबसे बड़ी टेंशन खत्म! सरकार ने बदल दिया CGHS का ये 15 साल पुराना नियम

सरकारी कर्मचारियों की सबसे बड़ी टेंशन खत्म! सरकार ने बदल दिया CGHS का ये 15 साल पुराना नियम

CGHS की दरों में बड़ा बदलाव Image Credit source: google gemini

केंद्र सरकार में काम करने वाले लाखों कर्मचारियों और रिटायर हो चुके पेंशनर्स के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी आई है. सरकार ने उनकी सेहत से जुड़ा एक ऐसा बड़ा फैसला लिया है, जिसका इंतजार सालों से हो रहा था. अब सरकारी स्वास्थ्य कार्ड (CGHS) पर इलाज करवाना पहले से कहीं ज्यादा आसान हो जाएगा. सरकार ने इलाज के वो पुराने रेट बदल दिए हैं जो पिछले 15 सालों से चले आ रहे थे. इन पुराने रेट की वजह से बहुत दिक्कतें हो रही थीं. सरकार ने 2,000 मेडिकल पैकेज के नए रेट्स जारी किए हैं. ये पैकेज 13 अक्टूबर से हर जगह इलाज के लागू हो जाएंगे . सरकार के इस फैसले से अब कर्मचारियों को इलाज के लिए अपनी जेब से पैसा नहीं देना पड़ेगा और दर-दर भटकना नहीं पड़ेगा.

अब खत्म होगी अस्पतालों की मनमानी

अब तक सबसे बड़ी समस्या यह थी कि जब कोई कर्मचारी या पेंशनर अपना CGHS कार्ड लेकर किसी बड़े प्राइवेट अस्पताल में जाता था, तो अस्पताल वाले अक्सर कैशलेस इलाज करने से मना कर देते थे. वे कहते थे कि सरकार से जो पैसा मिलता है, वह बहुत कम है, इसलिए आप पहले अपनी जेब से पूरा पैसा जमा करो, बाद में सरकार से लेते रहना. इस चक्कर में बीमार आदमी या उसके परिवार को इलाज के लिए बड़ी रकम का इंतजाम करना पड़ता था. फिर उस पैसे को वापस पाने के लिए महीनों तक सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते थे. अब सरकार ने रेट बढ़ा दिए हैं, जिससे अस्पतालों का यह बहाना बंद हो जाएगा और उन्हें कार्ड पर ही इलाज करना पड़ेगा.

आप CGHS की वेबसाइट पर जाकर आप “सर्कुलर” या “नोटिफिकेशन” वाले सेक्शन में जाकर आप वो PDF फाइल डाउनलोड कर सकते हैं जिसमें हर इलाज का कोड और उसका नया पैकेज रेट दिया गया है. NABH और Non-NABH अस्पतालों के रेट अलग-अलग तय किए गए हैं.

नए रेट्स में क्या-क्या बदलाव आए हैं?

  • टियर-II शहरों में दरें बेस रेट से 19% कम होंगी.
  • टियर-III शहरों में दरें बेस रेट से 20% कम रहेंगी.
  • NABH एक्रेडिटेड अस्पताल बेस रेट पर ही सेवाएं देंगे.
  • गैर-NABH अस्पतालों को 15% कम दरों पर इलाज करना होगा.
  • 200 से ज्यादा बेड वाले सुपर-स्पेशियलिटी अस्पतालों में इलाज 15% ज्यादा महंगा होगा.

शहर और अस्पताल के हिसाब से मिलेगा इलाज का पैसा

सरकार ने इस बार जो नया नियम बनाया है, वो बहुत सीधा और सरल है. अब हर शहर और हर अस्पताल के लिए इलाज का रेट एक जैसा नहीं होगा. इसे ऐसे समझिए, जो अस्पताल दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में हैं, वहां इलाज का रेट थोड़ा ज़्यादा होगा. जो उनसे छोटे शहरों में हैं, वहां थोड़ा कम और जो बिल्कुल छोटे शहरों में हैं, वहां इलाज का और भी कम पैसा तय किया गया है.

इसके साथ ही अस्पतालों में भी फर्क किया गया है. जो अस्पताल बहुत अच्छे हैं, जहां साफ-सफाई और इलाज की सारी अच्छी सुविधाएं हैं और जिन्हें सरकार से बढ़िया होने का सर्टिफिकेट (NABH) मिला है, उन्हें इलाज का पूरा पैसा मिलेगा. लेकिन जो अस्पताल मामूली दर्जे के हैं, उन्हें थोड़ा कम पैसा दिया जाएगा. वहीं, जो बहुत ही बड़े और खास बीमारियों का इलाज करने वाले सुपर स्पेशलिटी अस्पताल हैं, उन्हें 15% पैसा ज़्यादा मिलेगा, ताकि वे अच्छी से अच्छी देखभाल करें.

CGHS योजना है क्या?

यह केंद्र सरकार के कर्मचारियों और उनके परिवार के लिए एक स्वास्थ्य बीमा जैसी योजना है. जो लोग केंद्र सरकार की नौकरी में हैं या वहां से रिटायर हो चुके हैं, उन्हें यह सुविधा मिलती है. इस योजना के कार्ड से वे सरकारी और कुछ प्राइवेट अस्पतालों में बहुत कम खर्चे पर या मुफ्त में अपना इलाज करवा सकते हैं. इसमें डॉक्टर को दिखाने, अस्पताल में भर्ती होने, ऑपरेशन करवाने और दवाइयां लेने जैसी लगभग सारी सुविधाएं शामिल हैं. सरकार के इस नए कदम से अब यह योजना और भी ताकतवर हो गई है, जिससे लाखों परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी.

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