
गुजरात के बनासकांठा जिले में एक दर्दनाक ऑनर किलिंग का मामला सामने आया है। 18 वर्षीय चंद्रिका चौधरी, जिसने NEET परीक्षा में 478 अंक हासिल किए थे और सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिलने वाला था, को उसके पिता और चाचा ने अपनी ‘इज्जत’ के नाम पर मार डाला। इस मामले ने देश भर में चिंता और आक्रोश फैलाया है।
घटना का पूरा मामला
पुलिस के मुताबिक, चंद्रिका के चाचा शिवराम चौधरी को डर था कि अगर बेटी कॉलेज गई तो लड़कों से दोस्ती कर शादी कर सकती है, जिससे परिवार की बदनामी होगी। इसी डर ने चाचा और पिता सेधाभाई पटेल को यह जघन्य अपराध करने पर मजबूर कर दिया। 24 जून 2025 को चंद्रिका को दूध में नशे की दवा पिला कर बेहोश किया गया। उसके बाद उसे घर के स्टोररूम में ले जाकर चुन्नी से गला दबा दिया गया।
परिवार की छिपाने की कोशिश
चंद्रिका की मौत को परिवार ने पहले हार्ट अटैक या आत्महत्या बताया। उन्होंने पोस्टमार्टम नहीं कराया और शव का अंतिम संस्कार भी जल्दबाजी में कर दिया। परंतु प्रेमी हरेश चौधरी ने इस बात पर शक किया और कोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दायर की, जिससे यह कांड सामने आया।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने आरोपी चाचा को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि पिता अभी भी फरार है। मामले की गहन जांच जारी है।
सामाजिक प्रभाव
यह मामला परिवार और समाज में महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा और स्वतंत्रता पर एक गंभीर प्रश्नचिन्ह उठाता है। चंद्रिका जैसे युवा सपनों की हत्या समाज के लिए बड़े चिन्ता का विषय हैं।
निष्कर्ष
यह दर्दनाक और शर्मनाक घटना ऑनर किलिंग के खिलाफ सख्त कानून और सामाजिक जागरूकता की आवश्यकता को उजागर करती है। शिक्षा और स्वतंत्रता के अधिकारों के संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं।
(यह रिपोर्ट केवल सूचना के उद्देश्य से है।)