एक नौजवान एक किसान की बेटी से शादी करने की इच्छा लेकर किसान के पास पहुँचा। किसान ने गौर से उसकी ओर देखा और मुस्कुराते हुए कहा, “शादी हो सकती है, लेकिन एक शर्त है। अगर तुम इसे पूरा कर सको, तो मेरी बेटी तुम्हारी होगी।” युवक ने उत्सुकता से पूछा, “क्या शर्त है?”
किसान ने समझाया, “तुम मेरे खेत में जाओ। मैं तीन बैल छोड़ूँगा—अगर तुम इनमें से किसी भी एक की पूँछ पकड़ लो, तो मेरी बेटी से तुम्हारी शादी पक्की!” युवक को यह चुनौती रोमांचक लगी और वह खुशी-खुशी खेत में जा खड़ा हुआ।

पहला मौका: विशाल और खतरनाक बैल
जैसे ही किसान ने पहला दरवाजा खोला, एक बेहद विशाल और खतरनाक बैल गरजता हुआ बाहर आया। युवक डर के मारे एक ओर हट गया और सोचने लगा, “चलो, अगला बैल सही रहेगा!” उसे लगा शायद आगे इससे बेहतर मौका मिलेगा।
दूसरा मौका: पहले से भी भयंकर बैल
दूसरा दरवाजा खुला… इस बार पहले से भी ज़्यादा भयंकर बैल निकला। युवक के पसीने छूट गए! उसने फिर फैसला किया, “इससे भी बचना ही बेहतर है। तीसरे बैल का इंतज़ार करता हूँ!” उसने फिर एक आसान मौके की उम्मीद में दूसरे अवसर को भी गँवा दिया।
तीसरा मौका: पूँछ ही नहीं थी!
अब युवक के चेहरे पर मुस्कान आ गई। इस बार एक कमजोर, मरियल सा बैल निकला। उसे लगा कि यह तो बहुत आसान है! उसने खुशी-खुशी अपनी मुद्रा बनाई, कमर कसी और पूँछ पकड़ने को तैयार हो गया।
लेकिन… इस बैल की पूँछ ही नहीं थी!
युवक ने अपना सिर पकड़ लिया। अब पछताने के अलावा कोई चारा नहीं था। खाली हाथ उसे लौटना पड़ा।
सीख: मौके को तुरंत पकड़ो!
यह कहानी हमें सिखाती है कि ज़िंदगी अवसरों से भरी हुई है—कुछ आसान, कुछ कठिन। लेकिन अगर आप पहला अवसर गँवा देते हैं, तो ज़रूरी नहीं कि दूसरा या तीसरा आपके लिए सही हो। इसलिए, जो भी मौका मिले, उसे तुरंत पकड़ने की कोशिश करें!
बाकी आपकी समझदारी पर निर्भर करता है। क्या आप ज़िंदगी में मिले मौकों को पहचानकर उन्हें भुना पाते हैं?