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रोहित और विराट की मनमानी अब नहीं चलेगी! गौतम गंभीर की डिमांड के बाद BCCI ने कसी नकेल

क्या विराट और रोहित घरेलू क्रिकेट में वापसी करेंगे?Image Credit source: PTI

न्यूजीलैंड के हाथों घर में टेस्ट सीरीज में मिली हार और फिर ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी गंवाने के बाद भारतीय क्रिकेट में उथल-पुथल मचती हुई दिख रही है. कप्तान रोहित शर्मा और हेड कोच गौतम गंभीर हर किसी के निशाने पर हैं. टीम इंडिया के ऐसे प्रदर्शन के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड भी अब हरकत में आता हुआ दिख रहा है. बोर्ड ने शनिवार 11 जनवरी को एक मीटिंग की, जिसमें टीम के हालिया नतीजों की समीक्षा की गई. इस मीटिंग में कोच और कप्तान के भविष्य पर तो फिलहाल कोई फैसला नहीं हुआ लेकिन ये तय कर लिया गया है कि सीनियर हों या जूनियर, हर खिलाड़ी को डॉमेस्टिक क्रिकेट खेलना ही होगा और साथ ही अपनी मनमर्जी से कोई किसी भी सीरीज से ब्रेक नहीं ले सकते.

BCCI की मीटिंग में क्या हुआ?

शनिवार को मुंबई के एक फाइव-स्टार होटल में बोर्ड अधिकारियों की ये मीटिंग हुई. इस मीटिंग में बीसीसीआई अध्यक्ष रॉजर बिन्नी और बोर्ड सेक्रेटरी देवजीत साइकिया मौजूद थे, जबकि कप्तान रोहित और कोच गंभीर के अलावा चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर भी शामिल हुए थे. इस बैठक में हार के कारणों पर चर्चा हुई और साथ ही टीम इंडिया के प्रदर्शन और भविष्य को लेकर भी बात हुई लेकिन ये तय किया गया कि फिलहाल कोई बड़े भारी-बदलाव तुरंत करने की जरूरत नहीं है. खास तौर पर अगले महीने से शुरू हो रही चैंपियंस ट्रॉफी को देखते हुए मौजूदा स्थिति को बरकरार रखने का फैसला हुआ.

नहीं चलेगी स्टार खिलाड़ियों की मनमानी

एक बड़ी बात जो इस मीटिंग से निकल कर आई है, वो खिलाड़ियों की पसंद-नापसंद को लेकर है. पीटीआई ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इस मीटिंग में ये साफ कर दिया गया है कि खिलाड़ी अपनी पसंद के हिसाब से कोई भी बाइलेटरल सीरीज को नहीं चुन पाएंगे. यानि किस सीरीज में वो खेलना चाहते हैं और किसमें नहीं, ये छूट अब खिलाड़ियों को नहीं मिलेगी. किसी भी सीरीज से बाहर बैठने के लिए खिलाड़ियों को वैध मेडिकल कारण बताने होंगे.

सिर्फ इतना ही नहीं, अब सीनियर खिलाड़ी हों या जूनियर, अब सबको डॉमेस्टिक क्रिकेट खेलना होगा. रिपोर्ट के मुताबिक, कोच गंभीर ने साफ तौर पर कहा है कि कोई खिलाड़ी रेड बॉल क्रिकेट में खेलने लिए प्रतिबद्ध है तो उसे डॉमेस्टिक क्रिकेट खेलना होगा. इसको देखते हुए बोर्ड ने सभी स्टार खिलाड़ियों को निर्देश दे दिए हैं कि उन्हें घरेलू क्रिकेट के टूर्नामेंट्स के लिए उपलब्ध रहना होगा. अगर बीसीसीआई का ये आदेश सख्ती से लागू होता है और रोहित शर्मा-विराट कोहली जैसे दिग्गज टेस्ट क्रिकेट में आगे भी खेलना चाहते हैं, तो उनकी मनमानी अब नहीं चलेगी. मगर बड़ा सवाल यही है कि क्या बोर्ड उन पर ये लागू कर पाएगा?